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शेख बाबा फ़रीद जी की विचारधारा और वाणी संसार विशे पर सैमीनार आयोजति

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फरीदकोट(शरणजीत ) आज 12 वीं सदी के महान सूफ़ी संत बाबा शेख फ़रीद जी के आगमन पूर्व के मौके पर शेख बाबा फ़रीद जी की विचारधारा और वाणी संसार के विशे पर बाबा फ़रीद यूनीवरस्टी आफ हैल्थ सायंसज की तरफ से दशमेश मैडीकल कालेज के आडीटोरियम में एक सैमीनार का आयोजन किया गिया । जिसमें श्री वी के मीना आई ए एस कमिशनर फरीदकोट डिविज़न मुख्य महमान क तौर पर शामिल हुए, जबकि सैमीनार की अध्यक्षीय प्रो. डाक्टर राज बहादुर उप कुलपति बाबा फ़रीद यूनीवरस्टी ने की । इसके इलावा इस सैमीनार में श्री दीप मल्होत्रा वधायक फरीदकोट, डा.शविन्दे सिंह गिल पूर्व वाइस चांसलर, स. इंद्रजीत सिंह खालसा, मुख्य सेवक बाबा फ़रीद विदेयक संस्थायों, स. मालविन्द्र सिंह जगी डिप्टी कमिशनर , मैडम सोनाली गिरि वधीक डिप्टी कमिशनर , स. सुखमंदर सिंह मान एस एस पी, श्री वीजे कुमार सियालएस यह डी एम ने भी सरिक्त की।
सैमीनार दौरान अपने अध्यक्षीय भाशण में डा. राज बहादुर उप कुलपति ने कहा क मैं इस सैमीनार में आए हुए विद्वानों को जी आया कहता हूँ और अपने आप को बहुत वढ्ढमुल्ला समझता हूँ क मैनूं बाबा फ़रीद यूनीवरस्टी की सेवा करने का मान हासिल किया है और इस आगमन पूर्व में अपना योगदान डाल कर मैं अपने आप को धन समझता हूँ और यह दुआ करता हूँ क बाबा फ़रीद हमेशें ही मेरे और नज़र मेहर वाली रखेंगे और मैं इस यूनीवरस्टी को बुलन्दियें और पहुंचाण की कोशशि करांगें। इस मौके स. मालविन्द्र सिंह जगी डिप्टी कमिशनर ने अपने वचार पेस करते कहा क मैं अपनी जिदगी में पंजाब के कई शहरों में काम किया है, लेकनि फरीदकोट में आने पर मुझे वशेश किस्म की ख़ुशी महसूस हुई है और हम आपस में सांझेदारी और प्रेम सदभावना के साथ कब्ज़ा कर -चल कर काम करें यही हमारी बाबा फ़रीद जी को सच्ची श्रद्धांजली होगी। श्री दीप मल्होत्रा वधायक फरीदकोट ने कहा क इस शहर पर बाबा फ़रीद जी की सदा ही मेंहर रही है और हमारा फ़र्ज़ बनता है क बाबा फ़रीद जी की वाणी को अपने जीवन में अपणाके आगे बड़ते जाए ।सैमीनार दौरान मुख्य महमान के तौर पर शामलि हुए श्री वी के मीना कमिशनर फरीदकोट डिविज़न ने अपने वचार पेस करते कहा मैं हमेशा ही सरकार और बाबा फ़रीद यूनीवरस्टी के दरमआिन एक कडी के तौर पर काम करागे और जो भी सरकार की तरफ से सहायता मांग होगी इस यूनीवरस्टी को दिलाने के लिए अहमि रोल अदा करांगें। डा. शविन्द्र सिंह गिल पूर्व उप कुलपति ने अपने वचार प्रकट करते कहा क 12वी सदी में सूफ़ी संत इस दुनिया में आए और उनहोने समाज को नयी सीध देने का प्रयास किया और यह नशांखोरी न सिर्फ भारत में ही नहीं बल्क सारे संसार की समस्सया बन चुकी है, इस को दूर करने के लिए एक लम्बी लडाई लड़ने की जरूरत है। डा. मनमोहन सिंह आई पी एस ने बाबा फ़रीद जी की वाणी का वृतांत करते हुए कहलवा क श्री गुरू ग्रंथ साहबि में बाबा फ़रीद जी के 112 श्लोक और ४ शबद दर्ज हैं और बाबा फ़रीद जी का हरेक श्लोक गियान का पूरा सागर है। इस मौके पंजाबी यूनीवरस्टी के वदिवान डा. रत्न सिंह जगी ने अपने वचार पेस करते कहा क बाबा फ़रीद जी ने पंजाबी भाषा को सूफ़ियत का रंग दे कर ईश्वर के साथ जुडने का यत्न किया। उनहोने विरहा को सुलतान के बराबर का दर्जा दिया और बाबा फ़रीद जी ने आप “जउिण और दूसरों को जउिण का संदेश दिया और लोगों को सच्चे मनुष्य बनने के लिए प्रेरआि। उनहोने कहा क बाबा फ़रीद जी की वाणी आज भी प्रांसंगकि है और बाबा फ़रीद जी के शलोकें को पडो और अच्छे मनुष्य बनने की कोशशि करो। अंत में पो. ब्रह्मजगदीश ने बाबा फ़रीद जी को श्रद्धांजली भेंट करते कहा क बाबा फ़रीद जी ने जब वाणी लखिनी शुरू की, तब पंजाबी भाषा इतनी अमीर नहीं था, लेकनि फ़रीद जी ने पंजाबी भाशें को अपनी वाणी में उच्च स्तरीय साहतिक रवायतों पैदा कर दी। जो आज भी लेखकों को सीध दे रही हैं। उनहोने कहा क बाबा फ़रीद जी ने काव – कवता को पहचाना और अगंम भरपूर कवता रची जो क आज गतीशील है। आखिरी में बाबा फ़रीद यूनीवरस्टी की तरफ से आए हुए सभी वदिवानें को दुशाले और सम्रती चिन दे कर सनमानति किया।

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