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यूपी वि‍धानसभा अध्‍यक्ष पर लगा अपने दो दामाद को नौकरी देने का आरोप

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लखनऊ।प्रदेश वि‍धानसभा अध्‍यक्ष माता प्रसाद पर अपने दो सगे दामाद को वि‍धानसभा में संपादक और वि‍धानसभा अध्‍यक्ष के नि‍जी स्‍टाफ में वि‍शेष कार्याधि‍कारी के राजपत्रि‍त समूह क पर नि‍युक्‍त किए जाने का आरोप लगा है।इन दोनों लोगों को नि‍यमों को दरकि‍नार कर तैनाती दी गई है।यहां तक कि नि‍युक्‍ति से पूर्व इन दोनों पदों के लि‍ए कोई वि‍ज्ञापन न प्रकाशि‍त कराने का भी आरोप लगाया गया है।क्‍लैश आफ इंटरेस्‍ट के इस मामले को लेकर सामाजि‍क कार्यकर्ती नूतन ठाकुर ने राजभवन को एक ज्ञापन भेज कर हस्‍तक्षेप की मांग की है।राजभवन को सामाजि‍क कार्यकर्ती डॉ. नूतन ठाकुर की ओर से राजभवन को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया कि यूपी वि‍धानसभा के अध्‍यक्ष माता प्रसाद के सगे बड़े दामाद प्रदीप कुमार मिश्र की विधानसभा सचिवालय में संपादक के पद पर वेतनमान 9300-34800 रुपए ग्रेड पे पर 4600 रुपए पर नियुक्ति की गई है।आदेश के अनुसार बीते 21 मार्च को दुखीराम के मुख्य संपादक के पद पर प्रोन्नति के चलते यह जगह खाली हुई थी।शि‍कायतकर्ता का आरोप है कि दुखीराम के संपादक पद से हटने के दो दि‍न के अंदर ही सारी कार्रवाई कर नि‍युक्‍ति पत्र को जारी कर दि‍या गया।नि‍युक्‍ति से पूर्व नि‍यमत: वि‍धानसभा की ओर से न कोई पद विज्ञापि‍त कराया गया और न ही कोई आवेदन मांगे गए।
बताते चलें कि 16 जनवरी 1986 और आठ अगस्‍त 1988 को जारी आदेश के अनुसार इस पद हेतु न्युनतम अर्हता साहित्य अथवा किसी सामाजिक विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि निर्धारित था।इसके साथ ही संपादन कार्य आदि में पांच साल का अनुभव या ऐसा नहीं होने पर विधान मंडल सचिवालय में उत्तरदाई पद पर पांच साल की सेवा निर्धारित है।जबकि प्रदीप मिश्र वास्तव में एमकॉम हैं न कि साहित्य अथवा सामाजिक विज्ञान में स्नातकोत्तर।इसके अलावा प्रदीप मिश्र की विधान मंडल में पांच साल की निर्धारित सेवा भी नहीं है।

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