फरीदकोट (शरनजीत) भारतीय कम्यूनसिट पार्टी और नरेगा रोज़गार प्राप्त मज़दूर यूनियन की तरफ से अपनी, माँगों में नरेगा को पारदर्शी ढंग के साथ लागू करने ,रद्द किये नीले कारडॉ को तुरंत बहाल करवाने के लिए और विधवा /बुडापा पैंशन 3000 रुपए प्रति महिना करवाने के लिए ज़िला कचहरियों के सामने लगातार धरने और रोष मुज़हरे किये जा रहे हैं।सैंकडॉ मज़दूरों को संबोधन करते भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के ज़िला सचिव कामरेड पवनप्रीत सिंह ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से बनवाऐ गए नरेगा कानून को पंजाब और केंद्र सरकार इसे ख़त्म करने के रास्ते चलीं हुई हैं।उन्होंनेअपनी मांगों में कहा कि नरेगा मज़दूरों के लिए काम करने की जगां पर छाया और पीने के लिए पानी का प्रबंध किया जाये,आटा दाल स्कीम के रद्द किये कार्ड फिर से बहाल किये जाएँ,नाजायज तौर पर काटीं पैनशनें बहाल कीये जाए और बी.पी.ऐल सर्वे करवाके जरूरतमंद प्रीवारो के कार्ड बनाऐ जाएँ और जरूरतमंद प्रीवारो को 10 -10 मरलाे के पलाट दिए जाएँ।उन्होंने बोलते कहा गाँवों में काम नहीं का बहाना बना कर काम से जवाब दिया जा रहा है जब कि सड़कें किनारे भांग और फालतू घास/जड़ी बूटी और छप्पड़ों का विस्तार करने जैसे अनेको काम हैं जो अब भी अधूरे पड़े है ।कामरेड गोरा सिंह पिपली ने कहा कि जो नीले कार्ड रद्द किये गए हैं उन को तुरंत बहाल किया जाये जब तक माँगों नहीं मान ली जाती संघर्ष जारी रहेगा।इस मौके पवनप्रीत सिंह ज़िला सचिव,सुरजीत सिंह ढुड्डी,बलबीर सिंह औलख,और रेशम सिंह मत्ता के इलावा भारी संख्या में वर्कर धरने में शामिल थे ।