फरीदकोट(शरणजीत ) पंजाब खेतीबाडी यूनीवरस्टी की तरफ से क्षेत्रीय केंद्र, फरीदकोट में हाड़ी के मौसम की मुख्य रखते हुए ज़मीदारों को नवीनतम प्रौद्यौगिकी के साथ रूबरू करते कृषि दिवस आयोजित किया गिया । इस कृषि दिवस का उदेश जरूरत से ज्यादा पानी , ज़हरें, खादें फ़सल को डाल कर, कोख धरती की बाँझ न करें, पराळी को आग न लगाऐं। इस कृषि दिवस के मुख्य महमान के तौर पर श्रीमती करमजीत कौर दानेवालिया, मैंबर, प्रशास्निक बोर्ड, पंजाब खेतीबाडी यूनिवर्सिटी और डा: बलविन्द्र सिंह , नरिदेशक खोज, पी ए यू लुधियाना ने इस कृषि दिवस की अध्यक्षीय की। इस कृषि दिवस में पंजाब के दक्षिणी पश्चिमी इलाके से किसानो ने भारी मात्रा में समूलियत की। इस मौके श्रीमती करमजीत कौर दानेवालिया की तरफ से किसानो को खेती सहित और खेती वग्यािनिक के साथ जूझने के लिए प्रेरा । उन्होंने ग्रामीण नौजवानों को वग्यािनक खेती की तरफ आने के लिए अपील की। उन्होंने ज़ोर दे कर खा की खेतीबाडी की प्रगति के लिए वग्यािनक तरीके के साथ खेती करना बहुत ज़रूरी है। इस के साथ ही उन्होंने कृषि भाइयों को कीडा मार दवाएँ और ज़हरों की संयम के साथ प्रयोग करने के लिए संदेश भी दिया। श्रीमती दानेवालिया ने अपील की क अधिक औरतों और नौजवान कृषि दिवस में समूलियत करके अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करके अपनी खेती को लाभपरक बनाने के लिए अपना योगदान पाये । उनहोने नौजवानों से अपील करके उन्होंने कहा क मेंहनत करो, खर्चे घटाओ और नशे से परहेज़ करो। अपने अध्यक्षीय भाशण में, डा: बलविन्द्र सिंह ने बताया क कृषि दिवस खेती वग्यािनिक और जमीदार भाइयों के लिए एक सांझे मंच के तौर पर प्रवेश का ज़रीया है जहां किसानो को खेती के साथ सम्बन्धित जानकारी मिलती है वहां खेती वग्यािनिक को ज़मीदारों से मिली फीड बैंक अनुसार अपनी खोज को पुनर मुलांकन करने की सीख मिलती है। उनहोने किसानो को ज़ोर देकर खा क आजकल की महगांई में खेती सम्बन्धित वस्तुएँ को पी ए यू के माहररों की सलाह के साथ समय पर भार मुताबकि प्रयोग करनी चाहिए जिससे वातावरण को भी सुरक्षित रखा जा सके । उनहोने अपील की क खेती के साथ सहायक धंधे भी अपनाने चाहिएं जिनकी सिखलाई पी ए यू से अलग अलग समय से लिया जा सकता है। किसान वीरों को जानकार करवाते हुए उनहोने बताया की यूनिवर्सिटी की तरफ से 1962 से ले कर अब तक अलग अलग फ़सलों की 772 किस्में वकिसत की गई हैं।उन्होंने बयाता के मौसमी बदलाव को ध्यान में रखते हुए पी ए यू में खोज को नयी सेधें दी गई हैं।नयी किस्म को कम पानी और खादो की जरूरत हो, खोज अधीन हैं। कोई ओर किस्मे , कितने मकोडे, बमारिया , सूखे या गीले का मुकाबला कर सकें, वकिसत करने के लिए भी उपराले किये जा रहे हैं। उन्होंने हाडी की फ़सलों की नयी किस्मों के बारे भी किसानो को जानकार करवाया। उनहोने किसानो के साथ यह बात भी सांझी की क खरचे घटाओ और कुदरती स्त्रोत बचाओ। डा: जी.एस. बुट्टर, वधिक नरिदेशक, पसार शिक्षा , पी ए यू लुधियाना ने सबका स्वागत करते हुए कहा क कि ऋषि दिवस किसान वीरों को और वग्यािनियक को आपस में सलाह मशवरा करने का मौका देता है। मुख्य सुनेहें देते हुए उनहोने कहा क पराली साडकर मिट्टी में मुख्य तत्वों की कमी पैदा न करो। उनहोने कहा क खेती के लिए जरूरी वस्तुयों की कीमत बड़ रही है और कुदरती स्त्रोत ख़त्म हो रहे हैं। इस लिए किसान भाइयों को इन की समय पर प्रयोग करनी चाहिए। उनहोने कहा क किसान भाई पी ए यू के मासकि पत्र शान जैसे क प्रोगरैसवि फारमिंग और अच्छी खेती पडने की आदत डाले । इस कृषि दिवस में 100 से भी अधिक प्रदरशनियां आयोजति की गई जिन में अलग अलग तरह के पंप, सपरेय मशीनरी, खेती यंत्र, ट्रैक्टर आदि को दिखाया गिया । इस मौके अलग अलग माहरों की तरफ से भी किसान भाइयों और कृषि प्याराे को तकनीकी जानकारी दी गई जिससे खेतीबाडी की मौजूदा हालत में कम हो रही उपज, स्थायी आमदन और बड़ रही कर्ज़दारी में सुधार लाया जा सके । क्षेत्रीय केंद्र, फरीदकोट के डायरैक्टर डा: पंकज राठौर ने बताया क इस कृषि दिवस में किसान भाइयों की तरफ से गेहूँ की नयी और सुधरी कसिमों के इलावा चारों और सब्जियों आदि के बीज खरीदने में गहरी रुचि दखायी गई। उन की तरफ से आखिर में सबका इस कृषि दिवस में सरिक्त करने पर धन्यवाद किया गिया ।