इलाहाबाद :शुरू से ही विवादों मे रहे पीसीएस प्री परीक्षा-2015 की प्रश्नोतरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा लोक सेवा आयोग को वेबसाइट पर डालने का निर्देश दिया गया है।यह सिर्फ इस लिये किया गया है कि अभ्यर्थी अपने अंक के मिलान कर आपत्ति देना चाहे तो दे सकें।बता दें कि विशाल मिश्रा द्वारा हाईकोर्ट में एक याचिका दी गई थी जिसमें पांच जून 2015 को घोषित पीसीएस प्री परीक्षा परिणाम पर रोक लगाने व 28 जनवरी 2016 को होने वाली प्रमुख परीक्षा में याचिकर्ताओं को सम्मिलित होने की अनुमति जारी करने की मांग की गई थी,को न्यायमूर्ती अरूण टंडन व न्यायमूर्ती सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ ने निस्तारित कर दिया है।याचिकाकर्ता की मांग थी कि प्री परीक्षा की उत्तर पुस्तिका प्रकाशित की जाए,क्योंकि आयोग के 29 अगस्त 2014 के प्रस्ताव में सभी प्रश्नोत्तर वेबसाइट पर देने का फैसला लिया गया है।आयोग अपने फैसले का पालन नहीं कर रहा है।याचिकाकर्ता का कहना था कि 6 से 7 प्रश्नों के उत्तर गलत हैं।याचिकर्ताओं को 282 से 285 अंक मिले हैं।कुछ याचियों को 278 अंक मिले हैं, जो न्यूनतम अंक पाने वाले अभ्यर्थी से मात्र एक अंक ही कम है।एक याचिकाकर्ता दोनों पेपरों में बैठा है, लेकिन उसे द्वितीय पेपर का अंक नहीं दिया गया है। इसी तरह से आयोग के परिणाम में तमाम खामियां हैं। कोर्ट ने आयोग द्वारा उत्तर पंजिका वेबसाइट पर देने के बाद याचियों को आपत्ति दाखिल करने का अवसर देते हुए आयोग से नियमानुसार निर्णय लेने को कहा है।बता दें कि कोर्ट ने यह आदेश आयोग के वरिष्ठ अधिवक्ता जीके सिंह द्वारा इस आशय का आश्वासन देने पर दिया है।