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अम्बाला के सुल्तानपुर में चल रहा था कृषि बीज का गैर कानूनी धंधा। कृषि उपनिदेशक ने छापेमारी करके जब्त किया धान, बाजरा और मक्का का बीज।

अम्बाला, कृषि विभाग को सूचना मिली थी कि अम्बाला शहर के सुल्तानपुर क्षेत्र की दशमेश कालोनी में डा0 लिंक फिल्ड लैबोरटरी में गैर कानूनी तरीके से बीज पैकिंग करके किसानों के साथ धोखाधडी की जा रही है। बीज में मिलावट की सूचना के आधार पर कृषि उपनिदेशक गिरीश नागपाल ने अपनी टीम के साथ इस लैबोरट्री में छापेमारी की और मौके से धान का 5040 किलो, मक्का का एक हजार किलो व बाजरे का 720 किलो बीज जब्त किया। उन्होने बताया कि न्यायालय से अनुमति लेकर इस बीज को सरकारी गोदाम में रखा जायेगा और सम्बन्धित फैक्टरी संचालक के विरूद्घ बीज अधिनियम 266 के तहत मामला दर्ज करवाया जायेगा। समाचार लिखे जाने तक छापेमारी व बीज को जब्त करने की कार्रवाई चल रही थी।
श्री नागपाल ने बताया कि वास्तव में डा0 लिंक फिल्ड लैबोरट्री के संचालक द्वारा हिंदूस्तान फाईटीलाईजर से जैविक खाद बनाने का लाईसैंस लिया गया था और जैविक खाद की आड में इस स्थान पर धान, मक्का और बाजरे के बीज की गैर कानूनी पैंकिग करके किसानों को धोखा दिया जा रहा था। उन्होने कहा कि बीज की पैंकिग के लिए न केवल आवश्यक सुविधाएं होना जरूरी है बल्कि उसके लिए हरियाणा सीड सर्टिफिकेशन एजैंसी से अनुमति भी लेनी होती है। अनुमति लेने की यह कार्रवाई कृषि विभाग के माध्यम से होती है जबकि डा0 लिंक फिल्ड लैबोरट्री के पास इस तरह की कोई अनुमति और लाईसैंस नहीं है।
लौंगा ओरिजा 33 का लेबल लगाकर भरा जा रहा था धान का बीज
कृषि उपनिदेशक ने बताया कि इस लैबोरट्री से कुछ खाली बैग भी बरामद किये गये हैं और इन बैगों पर लौंगा ओरिजा 33 का लेबल लगा हुआ है। ऐसे ही कुछ थैलों में धान का बीज पैक भी किया हुआ पाया गया है और मौके पर 60 किलो वजन की धान की 45 बोरियां भी मिली हैं और इसी धान को मार्का लगे बैगों में भरकर बीज के रूप में किसानों को बेचा जाना था। उन्होने कहा कि यह गैर कानूनी धंधा कब से चल रहा है और गेहूं व अन्य फसलों के बीज भी यहां गैर कानूनी तरीके से पैक किये जा रहे हैं अथवा नहीं इन सभी चीजों का खुलासा पुलिस जांच के बाद ही हो पायेगा।
उन्होने बताया कि आज की छापेमारी में 30 पेटियों में बाजरे का 720 किलो, 50 पेटियों में मक्का का एक हजार किलो बीज बरामद किया गया है। इसके अलावा धान का 5040 किलो बीज बरामद हुआ है। उन्होने कहा कि प्रथम जांच में पाया गया है कि यह बीज बिना किसी प्रोसैंसिग के सीधे तौर पर लेबल लगे बैगों में भरा जा रहा था।
फैक्टरी पर कार्यरत प्रबंधक हुआ मौके से फरार।
छापेमारी के दौरान ही इस फैक्टरी का प्रबंधक बहाना बनाकर मौके से फरार हो गया है जबकि पूछताछ में इस फैक्टरी के मालिक चण्डीगढ निवासी बताया जा रहा है।

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