नई दिल्ली- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड द्वारा आज हरियाणा के दो और जिलों नामत: करनाल तथा जींद को एनसीआर में शामिल करने की स्वीकृति प्रदान की गई जिससे हरियाणा का कुल 57 प्रतिशत क्षेत्र एनसीआर में आ गया है।
यह जानकारी आज हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड की 35वीं बैठक में भाग लेने के पश्चात दी। बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय शहरी विकास, आवास तथा शहरी गरीबी उन्मूलन तथा संसदीय मामले मंत्री श्री एम.वेंकैया नायडू ने की जोकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।
मुख्यमंत्री ने एनसीआर में हरियाणा के दो और जिलों को शामिल करने के लिए श्री एम.वेंकैया नायडू का धन्यवाद भी किया।
श्री मनोहर लाल ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों की अवसरंचना के उन्नयन के लिए वित्त व्यवस्था हेतु राष्टï्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड से विशेष प्रावधान करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि विकसित ग्रामीण क्षेत्र शहरों की ओर होने वाले पलायन को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय योजना-2021 बनाई गई है, जिसमें शहरी केन्द्रों में अवसरंचना विकास पर बल दिया गया है। लेकिन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सृजन के उद्देश्य पूर्ण रूप से तभी प्राप्त किये जा सकते हैं, जब गांवों की अवसंरचना का उन्नयन शहरी क्षेत्रों के बराबर हो और वे कस्बों की तरह आकर्षक हों।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली में भीड़ को कम करने के मूल उद्देश्यों को प्राप्त करने तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सामंजस्य और गुणवतापरक विकास के लिए केन्द्रीय बजट में से बोर्ड को समुचित बजट उपलब्ध करवाने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि सडक़ तंत्र, तीव्र परिवहन प्रणाली, बिजली और जल आपूर्ति जैसी गुणवतापरक अवसरंचना प्रदान करने हेतु बोर्ड के लिए समुचित बजट प्रावधान करने की जरूरत है, जो आगे सहभागी राज्यों को दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यह मुद्दा 8 फरवरी, 2015 को हुई नीति आयोग की बैठक में भी उठाया था, जिसमें कहा गया था कि हरियाणा उप-क्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का 43.8 प्रतिशत है, जोकि देश के तीव्रगति से विकसित हो रहे आर्थिक क्षेत्रों में से एक है और इसमें लाखों लोगों के लिए रोजगार सृजित करने और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान देने की व्यापक क्षमता है।