फाजिल्का, 20 फ़रवरी :जिले के गांव हीरांवाली में लगने वाली शराब फैक्ट्री को लेकर ग्रामीणों का रोष ठंडा नहीं हो रहा। गांव हीरांवाली के आसपास के 14 गांवों के लोगों के साथ साथ भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के सदस्य भी धरने पर डटे हुए हैं। इस अवसर पर संबोधन करने के लिए पूर्व विधायक डॉ महेंद्र रिणवा पहुंचे। इसके अलावा ग्रामीणों की भूख हड़ताल भी जारी रही। इस अवसर पर भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व विधायक डॉ महेंद्र रिणवा ने कहा कि वह ग्रामीणों के साथ हैं और इस शराब फैक्ट्री का विरोध कर रहे हैं और इस शराब फैक्ट्री के लिए उनको जो भी कदम उठाना पड़ा वह हमेशा तैयार रहेंगे उन्होंने कहा कि इस फैक्ट्री का 39 गांव की पंचायतें विरोध कर रही हैं। उन्होंने कहा कि रिणवा परिवार हमेशा ही फाजिल्का की जनता के साथ रहा है और साथ ही रहेगा जिसके लिए यदि उनको अपनी जान भी कुर्बान करनी पड़ी तो वह हमेशा तैयार रहेंगे तथा जब तक इस शराब फैक्ट्री का काम बंद नहीं हो जाता तब तक मैं इस धरने में शामिल होते रहेंगे। वही इस धरने के चलते इस रोड पर गुजरने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है तथा मेन हाईवे से ना गुजरकर लिंक रोड से गुजरना पड़ता है जिससे जहां उनका आर्थिक नुकसान होता है वही समय की भी बर्बादी होती है वहीं दूसरी ओर सरकारी तंत्र और अधिकारी कुंभकरण की नींद सो चुके हैं। भले ही ग्रामीण मंगलवार को जिला प्रशासन से मिले, लेकिन उनकी तरफ से फैक्ट्री का काम बंद करवाने की मांग संबंधी कोई हल नहीं होता देख फिलहाल धरना अभी जारी है। इस दौरान गांव बेगांवाली, हीरांवाली, खुईखेड़ा, किकरवाली, कबूलशाह, रामकोट, बंदीवाला, शतीरवाला, ढाबां, केरियां व कई अन्य गांव के ग्रामीणों व किसानों अनिल कुमार झींझा, विकास झींझा, अश्वनी कुमार स्वामी, सतपाल शर्मा, हीरांवाली के सरपंच अनील कुमार, बलराम सुथार आदि ने कहा कि उनके गांवों का पानी पहले ही पीने योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि शराब फैक्ट्री लगाने के विरोध में दिसंबर माह में ग्राम सभा इजलास में सर्वसम्मति के साथ शराब फैक्ट्री न लगाने के पक्ष में प्रस्ताव पारित गया था। लेकिन इसके बावजूद फैक्ट्री बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि उनके गांव के नजदीक शराब फैक्ट्री लगने से जहां वातावरण दूषित होगा वहीं लोगों को चमड़ी रोग और सांस की बीमारियां पैदा होने का डर है। यदि उनके गांव में शराब फैक्ट्री लगती है तो फैक्ट्री से निकलने वाले गंदे पानी से जमीनी पानी भी गंदा हो जाएगा, जिस कारण पीने वाले पानी पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। लेकिन इसके बावजूद फैक्ट्री निर्माण की शुरूआत कर दी गई है। उन्होंने वह तब तक संघर्ष जारी रखेंगे, जब तक यह कार्य बंद नहीं होता।