लुधियाना, 6 जून (अजय पाहवा ): गुरू साहिबान की पवित्र निशानियों के संगत को दर्शन -दीदार करवाने लिए चल रही धार्मिक यात्रा ने आज देश के औद्योगिक शहर के रूप में प्रसिद्व लुधियाना का दौरा किया। आज प्रात:काल करीब 1० बजे स्थानीय माडल टाऊन स्थति गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा से रवाना होने के उपरांत शहर के विभिन्न हिस्सों की परिक्रमा करती यह यात्रा सिख दसवेंं पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की चरणछोह प्राप्त धरती गांव आलमगीर में पहुंची, जहां यात्रा रात्रि विश्राम करेगी।
आज सुबह माडल टाऊन स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा से रवाना होने से पहले गुरू घर के गं्रथी की ओर से अरदास के बाद शुरू हुई इस यात्रा में शामिल होने शहर के लोगों के अलावा आसपास के गांवों से आई संगत में खासा उत्साह था। बड़ी गिनती में संगत आज सुबह से ही गुरू घर पहुंचनी शुरू हो गई थी। शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर साहिब के प्रधान जत्थेदार अवतार सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री हीरा सिंह गाबडिय़ा, डिप्टी कमिश्रर श्री रजत अग्रवाल, अतिरिक्त कमिश्रर अजय सूद और अन्य अधिकारयों की उपस्थिति में यात्रा की रवानगी हुई।यात्रा के रास्ते में श्री महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, शिरोमणि अकाली दल (शहरी) के जिला प्रधान श्री हरभजन सिंह डंग, श्री प्रीतम सिंह भरोवाल, श्री राजिंदर सिंह भाटिया व अन्य प्रतिष्ठित लोगों और हजारों की संख्या में पहुंची संगत ने यात्रा का भावभीना स्वागत किया। संगत की तरफ से तरह तरह के पकवानों के लंगर लगाए गए।
जिक्र योग्य है कि यात्रा बीती रात करीब 2 बजे माडल टाऊन स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में पूरे जाहो जलाल के साथ पहुंची इस यात्रा का क्षेत्र की संगत की तरफ से बड़े उत्साह के साथ स्वागत किया गया। संगत ने यात्रा दौरान लगातार कई घंटों तक मनमोहक गुरबानी और कथा कीर्तन का आनंद लिया। हालांकि गुरू घर में लंगर आदि का अटूट प्रवाह चलता रहता है परन्तु इस यात्रा के लिए विशेष रूप से गुरू घर और रास्तों में विशेष प्रबंध किये गए। इसके अलावा सारे बाजार और रास्ते किसी मेले की तरह सजे हुए थे। यात्रा के दर्शन करने आए श्रद्धालु जत्थे जहां गुरू साहिबान की निशानियों के दीदार कर रहे थे, वहीं बडे उत्साह के साथ खरीदो -फरोखत भी कर रहे थे।
उत्साह के साथ इंतजार में एकत्र संगत की ओर से रास्ते में पवित्रता के प्रतीक फूलों की वर्षा की जा रही थी। संगत ने श्रद्धा से जगह जगह ठंडे जल की छबीलें और लंगर लगाए हुए थे। जिक्र योग है कि इस धार्मिक यात्रा में दिखाई जा रही गुरू साहिबान की निशानियों को देखने प्रति संगत में बड़ा उत्साह था। शहर की संगत की तरफ से करीब एक दर्जन जगाह पर पड़ाव तैयार करवाए हुए थे परन्तु श्रद्धालु इन पडावों के अलावा भी जगह जगह पर यात्रा को रोक कर दर्शन कर रहे थे और खुशियां प्राप्त कर रहे थे। इस मौके यात्रा का नेतृत्व जहां धन धन श्री गुरु ग्रंथ साहबि जी कर रहे थे, वहीं सिविल और पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुखता प्रबंध किये हुए थे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और अनुसाशन को बरकरार रखने भारी गिनती में पुलिस बल अपनी डयूटी निभा रहा था।