प्रतापगढ़(विकास गुप्ता):-प्रतापगढ़ में एक इंटर कालेज से ग्यारहवीं में पढ़ने वाले छात्र का पहले तो स्कूल कैंपस से ही अपहरण कर लिया गया और अब अपहृत छात्र के परिजनों से तीन लाख रूपये की फिरौती मोबाईल से मांगी जा रही है। इस मामले से कालेज प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया और अपनी जिम्मेवारी से इतिश्री कर लिया। जबकि कालेज से ही छात्र की साइकल भी बरामद की गयी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और छात्र की खोजबीन के लिए कई टीमें गठित कर दी गयी है।
प्रतापगढ़ के कोहड़ौर थाना इलाके में यह है जगतपाल रंगनाथ इंटर कालेज। यह कालेज अपनी गतिविधियों की वजह से सुर्खियों में रहता है। इस बार इस कालेज से ग्यारहवीं के छात्र का अपहरण किया गया। कालेज की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए अपहरणकर्ता गुरूवार को कालेज कैंपस में घुस गये और क्लास रूम से ग्यारहवीं में पढ़ने वाले सोलह साल के गोविन्द गुप्ता को तमंचे की नोक पर अगवा कर ले गये। पडोसी जनपद अमेठी जिले के पीपरपुर थाना इलाके के पूरे चयन तिवारी गाँव का रहने वाला राम कुमार गुप्ता का बेटा छात्र गोविन्द अपहर्ताओं के चंगुल में है। घटना के चौबीस घंटे बीत जाने के बाद भी कालेज प्रशासन ने जहां दिन दहाड़े हुई इस वारदात की जानकारी परिजनों को नहीं दिया। वहीं अपहरण की वारदात के तकरीबन छह घंटे बाद गोविन्द गुप्ता के घर के मोबाईल पर फोन कर तीन लाख की फिरौती मांगी गयी। यही नहीं मोबाईल पर अपहृत छात्र की बात परिजनों से करायी गयी। छात्र ने मोबाईल पर बताया कि अपहरण करने वाले लोग काफी खतरनाक हैं और वह उसकी हत्या कर देगे।
अपह्रत छात्र के परिजन जब कालेज पहुचे और घटना की जानकारी चाही तो उनको कालेज प्रशासन ने समुचित जवाब नहीं दिया औरइस मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया। पीड़ित परिवार कोहड़ौर थाने पंहुचा तो मामले की ऍफ़ आई आर दर्ज की गयी। छात्र की साइकल भी कालेज से ही बरामद की गयी। पुलिस अधीक्षक एम पी वर्मा ने तलाश के लिए कई टीम भी गठित कर दिया है। जिस मोबाईल नंबर से फोन आ रहा उसकी लोकेशन ट्रेस की जा रही। एस पी ने बताया की अपहृत छात्र के बैंक एकाउंट से ए टी एम से रुपये भी निकाले जा रहे।
फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर छात्र का सुराग लगाने में जुटी है। देर सवेर पर्दा भी उठेगा। लेकिन इस मामले में लापरवाह कालेज प्रशासन का गैर जिम्मेवार रवैया चौंकाने वाला है। स्कूल के क्लास रूम से बदमाश एक छात्र को अपहरण कर ले गये और परिजनों को सूचना तक नहीं दी गयी। और तो और कालेज प्रशासन ने पुलिस को भी मामले की कोई सूचना नहीं दी। घटना की जानकारी परिजनों को फिरौती माँगने के मोबाईल काल से हुई। सवाल यह है कि ऐसे में स्कूल और कालेज में कैसे सुरक्षित होगा देश का नौनिहाल। और जब सुरक्षित ही नहीं तो बेहतर भविष्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती।