मोदीनगर : राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड, लोक निर्माण विभाग की भूमि पर मुलतानी मल मोदी डिग्री कॉलेज सोसायटी के प्रबंधकों द्वारा अवैध और अनाधिकृत निर्माण भवन अपने जोखिम पर बना कर रू 287-50 किराया तय कर 18 जनवरी 1963 से 35 यूपी बटालियन, नेशनल कैडेट कोर (एन सीसी) कार्यालय का शुभारंभ करवा दिया गया था। उक्त खुलासा राष्ट्रीय सूचना अधिकार टास्क फोर्स ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश कुमार शर्मा द्वारा डाली गई आरटीआई के जवाब में हुआ है। हालांकि एनसीसी कार्यालय के जन सूचना अधिकारी ने सुरेश शर्मा द्वारा चाही सूचना में यह खुलासा नहीं किया कि मुलतानी मल मोदी डिग्री कॉलेज सोसायटी फंड में आज तक किराया देय राशि की कितनी राशि जमा की गई है।
अवगत कराना है कि इससे पूर्व सुरेश शर्मा द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड में डाली गई आरटीआई के जवाब में यह खुलासा हो चुका है कि मुल्तानी मल मोदी डिग्री कॉलेज सोसायटी ने सड़क की दायीं ओर एनसीसी कैडर भवन की निर्मित दीवार सड़क के मध्य से 16.10 मी. पर बनाई हुई है, यहाँ पर रोड की स्थायी भूमि 18.29 मी. है। उक्त निर्मित दीवार सड़क की स्थायी 18.29 मी. के 2.20 मी. अंदर है। उक्त दीवार की लंबाई 95.00 × 2. 20 = 209 वर्ग मी. क्षेत्रफल मार्ग की स्थायी भूमि पर अवैध कब्जा है। इसके अलावा इनकी अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित सैंटर अॉफ मैनेजमेंट एंड डेवलपमेंट की निर्मित दीवार, मुलतानी मल पी जी कॉलेज व डॉ केएन मोदी सांइस एंड कॉमर्स कॉलेज की निर्मित दीवार की लंबाई 180 × 2.70=486 वर्ग मी पर वर्षों से कब्जा कर कॉमर्शियल रूप में प्रयोग किया जा रहा है।
मामले का खुलासा करते हुए संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश कुमार शर्मा ने उक्त मामले पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां सड़क की सरकारी भूमि पर अवैध भवन का निर्माण कैसे हो गया? और मुल्तानी मल मोदी डिग्री कॉलेज सोसायटी ने अपने आपको भूमि का स्वामी/प्रबंधक घोषित करते हुए इस भवन को किराए पर किन नियमों के तहत दिया है ?
उन्होंने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि इस गंभीर मामले का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग से इस बेशकीमती भूमि को कब्जा मुक्त कराये। जिससे की भविष्य में जनहित में सड़क चौड़ी करने में आसानी रहे और नगर में लगने वाले जाम से मुक्ति भी मिल सके।
ज्ञात हो कि जिलाधिकारी विमल कुमार शर्मा के निर्देशन में उपजिलाधिकारी अतुल कुमार ने अपने अथक प्रयासों से मोदी यादगार में निहित सरकारी सड़क भूमि को मुक्त कराकर वहाँ हापुड़ से आने वाले वाहनों के लेफ्टफ्री करा दिया था। जिससे वहाँ से गुजरने वालों को बड़ी राहत मिली हैं।