लुधिआना (अजय पाहवा ) संगोवल, साउथरन बाईपास स्थित संत निरंकारी सत्संग समारोह को संबोधित करते हुए संत निरंकारी मिशन के एड्वाइजरी बोर्ड के चेयरमन महात्मा श्री गोबिन्द सिंह जी ने कहा कि मन की मत हमेशा डुबोने वाली होती है और गुरु की मत तारने वाली होती है। इसलिये हमें सदैव गुरु की मत का आश्रय लेना चाहिये। मन की मति का त्याग करना चाहिये। सतगुरु बाबा जी के प्रेम और आपसी भाईचारे के संदेश की चर्चा करते हुए महात्मा ने कहा कि गुरसिख वही है जो गुरु की मत लेकर सभी प्राणियों के प्रति प्रेम और दया का भाव रखता है। आदरणीय महात्मा जी ने निरंकारी मिशन के बलिदानी महापुरुषों और बाबा गुरुबचन सिंह जी के बलिदान की भी चर्चा की।
वहीँ निरंकारी मिशन के एड्वाइजरी बोर्ड के चेयरमन श्री गोबिंद सिंह जी निरंकारी सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी का लिखत श्रद्धांजलि सन्देश पत्र लेकर विशेष तोर पे नामधारी समुदाय की गुरु माता चंद कौर जी के श्रद्धांजलि समारोह मै पहुंचे तथा निरंकारी बाबा जी द्वारा भेजा श्रद्धांजलि सन्देश पत्र नामधारी श्रद्धांजलि समारोह मैं पड़ के सुनाया गया जिसमें निरंकारी बाबा जी द्वारा शोक व्यक्त करते हुए कहा गया के जो जगत मैं आया है उसे इकदिन जाना ही होता है। परन्तु बात बहुत ही पीड़ादायक है की शांति और अमन की मूरत माता चंद कौर जी को हिंसा का शिकार होना पड़ा। उन्होंने माता जी को पूर्ण नितनेम गुरसिख कहा दुःख की घडी मैं निरंकार प्रभु परमात्मा पुरे नामधारी परिवार को शक्ति प्रदान करे और वो निरंकार का सिमरन करते और आगे बढ़ते चले जाएँ।