पटियाला,:पंजाब में प्रति 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 133 किमी सडक़ें बिछी हैं और यहां कि प्रति एक लाख की आबादी पर 240 किलोमीटर सडक़ों की उपलब्धता है जो राष्ट्रीय औसत से ऊपर है। ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री करहाली साहिब को समाना व डकाला से जोडऩे वाली और पटियाला से हरियाणा के गुलहा चीका की ओर जाने वाले सबसे छोटे रास्ते की महत्वपूर्ण सडक़ के पुनर्निर्माण का शिलान्यास करने के बाद उक्त जानकारी पंजाब सरकार के जल सप्लाई सैनीटेशन, उच्च शिक्षा एंव भाषाएं विभाग के कैबिनेट मंत्री स. सुरजीत सिंह रखड़ा ने दी है।
13.80 किमी लंबी इस नौ फुट चौड़ी सडक़ को अब 18 फुट चौड़ी करने के साथ ही अधिक मजबूती प्रदान की जाएगी। साढ़े सात करोड़ रूपये की लागत से तैयार होने वाली यह सडक़ 30 मई तक तैयार कर ली जाएगी।
वहीं कैबिनेट मंत्री ने बताया कि राज्य में पिछले नौ सालों में बेहतरीन सडक़ नेटवर्क बनाया गया है। आज 23,025 करोड़ रुपए की नई परियोजनाओं का निर्माण कार्य चल रहा है। इतने कम समय में, राज्य के इतिहास में इस तरह का बड़ा सडक़ निर्माण कार्यक्रम कभी नहीं चला। जिसमें 2083 करोड़ रूपये की लागत से 318 किलोमीटर लंबे ढिल्वां-अमृतसर-अटारी बर्डार (एनएच -1) की 4/6 लेन, जालंधर-पठानकोट राजमार्ग, कुराली कीरतपुर साहिब राजमार्ग, और अमृतसर-पठानकोट राजमार्ग की 4/6 लेन की सडक़ों का निर्माण कार्य सपन्न करना शामिल है। 2500 करोड़ रूपये की लागत से 195 किमी शंभू-जालंधर राष्ट्रीय राजमार्ग को 6 लेन किए जाने का कार्य चल रहा है, जिसके 2016 अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। 11495 करोड़ रूपये की लागत से 722 किमी लंबाई के सात राष्ट्रीय राजमार्गों को चार लेन करने का कार्य प्रगति पर है। जिसमें लुधियाना-मोगा-तलवंडी भाई राजमार्ग, जीरकपुर-पटियाला-बठिंडा राजमार्ग, जालंधर-मोगा-संगरूर-पातड़ां राजमार्ग, अमृतसर-तरनतारन-जीरा-फरीदकोट-बठिंडा राजमार्ग, खरड़-कुराली राजमार्ग, अमृतसर बाईपास वाघा सीमा तक और चंडीगढ़ खरड़ हाईवे जो जून 2017 तक पूरा हो जाएगा।
स. रखड़ा ने आगामी परियोजनाओं के संदर्भ में बताया कि खरड़-लुधियाना राजमार्ग को 4 / 6 लेन करना और 134 किलोमीटर लंबे जालंधर-होशियारपुर राजमार्ग को 2683 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से बनाने का कार्य इसी महीने शुरू कर लिया जाएगा। पिछले नौ सालों में राज्य सरकार के प्रयासों से 1664 करोड़ रूपये के निवेश से 5087 किलोमीटर लंबे राज्य राजमार्ग नेटवर्क, प्रमुख जिला सडक़ों (एमडीआर), अन्य जिला सडक़ों (ओडीआर) को दुरूस्त किया गया। इसी अवधी में 2827 करोड़ रुपए की लागत से 26,898 किमी लंबी लिंक सडक़ों की मरम्मत की गई और 1055 करोड़ रूपये की लगात से 7403 किमी लंबी लिंक सडक़ों का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त, 7825 किलोमीटर लिंक सडक़ों की विशेष मरम्मत पर 1,094 करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे है। 72 करोड़ रूपये 7803 किलोमीटर लिंक सडक़ों के पैच वर्क पर खर्च किए जा रहे हैं और 32 करोड़ रूपये 275 किमी डीबी फलोरिंग कार्य पर खर्च किए जा रहे हैं। 33180 किलोमीटर लंबी सडक़ों के पैच वर्क पर 400 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव भी है।
केंद्र से लिए जाने वाले सहयोग पर कैबिनेट मंत्री कहते हैं कि प्रधान मंत्री ग्राम सडक़ योजना (पीएमजीवाई) के तहत ग्रामीण सडक़ों के निर्माण व अपग्रेड करने का कार्य भी किया जा रहा है और लगभग 1994 करोड़ रूपये की लगात से 5498 किमी नई सडक़ें भी बनाई जा रही हैं। 65 करोड़ रुपये की लागत से 81362 किलोमीटर क्षेत्र में ईंटें भी लगाई जा रही हैं।
स. सुरजीत सिंह रखड़ा कहते हैं कि वर्तमान परिदृश्य में, जहाँ तक सडक़ों के घनत्व का सवाल है, जिसे की सतही क्षेत्र पर प्रति 100 वर्ग किलोमीटर अनुसार परिभाषित किया गया है, इस मामले में पंजाब में देश भर के अधिसंख्य राज्यों में से कहीं आगे है। पंजाब में प्रति 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 133 किमी सडक़ें बिछी हैं। यह निश्चित रूप से राज्य की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन प्रदान करेगा और सडक़ पर गति की औसत में वृद्धि के साथ रसद आदि को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में महत्वपूर्ण अंतर प्रदान करता है।
चूंकि सडक़ों का निर्माण लोगों की सेवा करने के लिए किया जा रहा है, एक लाख की आबादी पर सडक़ों की कुल लंबाई की उपलब्धता को सबसे अच्छा सूचकांक माना जाता है। इस बिंदु से भी पंजाब अच्छी तरह से सेवा कर रहा है और प्रति 1 लाख की आबादी पर 240 किलोमीटर सडक़ों की उपलब्धता है जो राष्ट्रीय औसत से ऊपर है।
इस अवसर पर उनके साथ प्रमुख रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने वालों में जाने माने एनआरआई स. चरणजीत सिंह धालीवाल व क्षेत्र की ब्लाक समितियों व मार्केट कमेटियों के सदस्य व चेयरमैन और गांवों के पंच सरपंच और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी शामिल हैं।