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बीकेयू राजेवाल ने बजट को ले कर केंद्र सरकार ख़िलाफ़ निकाली भडास

फ़रीदकोट (शरणजीत ) देश का सब से बड़ा क्षेत्र खेती घोर संकट में होने के बावजूद सरकारों की किसान विरोधी नीतियों कारण आए दिन जहाँ पंजाब भर में हर रोज़ दो तीन किसान आत्महत्याएँ कर रहे हैं वहाँ ही बीते साल में 449 किसानों ने मौत को गले लगाके अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली परंतु सदके जाऐं केंद्र सरकार के जिस ने 29 फरवरी को 2016 पर 2017 का बजट इस तरह धूम धड़के साथ पेश किया जैसे देश का सारा ख़ज़ाना ही किसानों पर लुटा दिया हो,जिस के विरोध में भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के जिला प्रधान बिन्दर सिंह गोलेवाला का नेतृत्व नीचे एकजुट हुए किसानों ने मापनी सचिवालय में डिप्टी कमिशनर दफ़्तर आगे केंद्र सरकार ख़िलाफ़ जी भर कर भडास निकालने के बाद प्रधान मंत्री श्री नरिन्दर मोदी के नांम डी.सी. को माँग पत्र सौंपा। धरनकारिया को सबोधन करते बिन्दर सिंह गोलेवाला ने कहा कि आत्महत्याएँ कर रहे और कर्ज़े के जाल में फंसे किसानों के लिए कोई कर्ज़ राहत नहीं, न ही कर्ज़ मुआफी और न ही कर्ज़े के ब्याज में छूट जबकि दूसरे के पासबे कॉर्पोरेट घरानों की तरफ से वापस न किये कर्ज़े को ऐन.पी.ए. में पाके मार्च 2015 तक सरकार ने 1.14 लाख करोड़ मुआफ कर दिए। कॉर्पोरेट घराने हर साल अरबें खरबें के डिफालटर होते हों के बावजूद सरकारें चूसी धार लेती हैं जबकि किसान या मज़दूर 20 हज़ार का डिफालटर हो जाते तो सरकारी मशीनरी उसको निंदा करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ती। उक्त मौके गुरमीत सिंह किलो नौ,बलवंत सिंह डल्लेवाला, गमदूर सिंह संगराहूर,बलवीर सिंह, नक्षत्र सिंह पौधा सिंह, गुरजंट सिंह, स्वर्ण सिंह, चरनजीत सिंह गोलेवाला ने सबोधन करते कहा कि सरकार ने विश्व व्यापार संस्था आगे घुटने टेक दिए होने करके सरकार खेती लिंगों का समर्थन मूल्य आवंटन और उन की खरीद करनी बंद करने जा रही है। सर्वेक्षण अनुसार देश का एक किसान की माहवारी आमदन 1666 रुपए प्रति महिनें है जो सरकार ने दोगुनी अर्थात 3332 रुपए करन का फ़ैसला किया परंतु यह फ़ैसला 2022 में लागू करने का भरोसा दिया जबकि सरकार 2019 तक है। उक्त मौके गुरजंट सिंह काबलवाला,चरनजीत सिंह, गुरचरन सिंह, इकबाल सिंह, लखविन्दर सिंह, करतार सिंह, जसपाल सिंह,बलदेव सिंह रखवाला सिंह आदि ने किसानों को अब समझ आ गई है वह केंद्र सरकार की बातें में नहीं आऐंगे,पिछले साल कॉर्पोरेट घरानों को 5.80 लाख करोड़ की टैकस छूटों और सबसिटिया मिलीं हैं।

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