झारखंड : झारखंड के चतरा जिले में कोयला की तस्करी जोरो पर है।हलाकि कहा जाता है की झारखण्ड में कोयला तस्करी रोकने की शक्ति किसी सरकार में नहीं है. जाहिर है रातो रात अमीर बनने का ये गोरखधंधा तेज़ी से फल फूल रहा है. तस्करी किसी हाल में बर्दास्त नही किया जायेगा से संबधित खबरे अखबारो में हमेशा छाया रहता है।इसके बाद भी कोयला तस्करी रुकने का नाम नही ले रहा है।लेकिन ऐसे में सवाल उठता है मंत्री के खास लोगो की गाड़ी को कौन रोकेगा? मंत्रियों की एक लाबी कोयला तस्करों के पीठ पर खड़ी है, जाहिर है तस्करों को रोकना आसान नहीं।सूत्रो की माने तो तस्करों से पुलिस कर्मियों के अलावे नक्सलियों को भी आमदनी हो रही है. पुलिस नक्सली चोर चोर मौसेरे भाई बन कर काम कर रहे ।बताया जाता है की प्रतिदिन लाल टोपी वाले डंडाधारी पुलिस एंव नक्सलियों के द्वारा झारखण्ड में लाखो रुपया वसूल रहे है. तस्करों को सरकार के मंत्री पर अच्छी पकड़ है तो पुलिस वाले भी इनसे डरने लगे है।झारखण्ड के रामगढ, हजारीबाग, बोकारो, धनबाद, तथा चतरा जिले में कोयला तस्करी फिर से परवान पर है। इन जिलो में अवैध कोयला को ईट भट्ठों में खपाया जा रहा है।ज्ञात हो की 12 जनवरी 2013 को बोकारो प्रक्षेत्र आईजी मुरारी लाल मीणा के नेतृत्व में 9 ट्रक को अवैध कोयला के साथ पकड़ा था।उस समय एक बड़ा खुलासा हुआ था की अवैध कोयला की तस्करी को लेकर एक बड़ी नेटवर्क है जो पुलिस और नक्सली के मिलीभगत में अपना गोरखधंधा को खिला रहा है।लेकिन मामले की खुलासा होने के बाद भी कोयला की तस्करी पर नियंत्रण नही किया जा सका है।