हुगली ( जय चौधरी ) आप को जानकार आश्चर्य होगा की जहां हमारा भारत देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था पर भारत देश के पश्चिम बंगाल राज्य में बसे चंदननगर शहर को फ्रांसीसियों ने 02 फरवरी 1951 के दिन अपने कब्जे से मुक्त किया था. जी हाँ यह बिलकुल सत्य है. आज ही के दिन फ़्रांसिसी इस शहर को मुक्त करके अपने देश लौट गए थे तब से सम्पूर्ण भारत देश में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है पर चंदननगर शहर में आज भी 02 फरवरी को ही स्वाधीनता दिवस मनाया जाता है हालाँकि यह बात अलग है कि इस मौके पर कोई सरकारी नुमाइंदे उपस्थित ना हो पर बड़ी संख्या में विदेशी मेहमान उपस्थित रह कर इस कार्यक्रम को बड़े हर्षोल्लास के साथ मानते है. यह परम्परा आज से नहीं बल्कि 1951 से चली आ रही है.
चंदननगर के संग्रहालय पुस्तकालय इंस्टिट्यूट ऑफ़ चंदननगर हाल में फ्रांसीसियों ने धूमधाम से मनाया स्वाधीनता दिवस. इस अवसर पर बड़ी संख्या में विदेशी अतिथियों ने हिस्सा लिया. गौरतलब हो कि पश्चिम बंगाल में सबसे पहले फ्रांसीसियों ने चंदननगर शहर को अपना मुख्य आकर्षण केंद्र बनाते हुए इस शहर कि स्थापना की थी. आजादी से पहले जहाँ एक तरह सम्पूर्ण भारत वर्ष पर ब्रिटिश सरकार ने अपना कब्ज़ा जमाया था वहीँ दूसरी और फ़्रांसिसी सरकार ने चंदननगर शहर पर अपना कब्ज़ा जमाया था. 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी प्राप्त होने के बाद भी फ्रांसीसियों ने अनौपचारिक तौर पर इस शहर को मुक्त नहीं किया था. ठीक आज ही के दिन 02 फरवरी 1951 को फ्रांसीसियों ने इस शहर को अपने कब्जे से मुक्त करते हुए भारत सरकार को औपचारिक तौर पर स्वाधीन करते हुए हस्तांतरित किया था. उस दिन को फ्रांसीसियों और राज्य सरकार द्वारा स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है. पर आज मनाये जाने वाले इस स्वाधीनता दिवस पर चौकाने वाली बात यह रही की राज्य सरकार के सभी सरकारी नुमाइंदे नरादर दिखे. पर इस अवसर पर चंदननगर शहर के महानागरिक व विधायक उपस्थित रहे. इस कार्यक्रम को चंदननगर शहर को खूबसूरत बनाने के रूपकार कहे जाने वाले संग्रहालयाध्यक्ष अरुण गांगुली व फ़्रांस से आये क्यूरेटर डेनियल साइट की उपस्थिति में मनाया गया.