कठुआ(Raj Kumar) पुलिस के गैर जिम्मेदाराना रवैयों को लगातार कठुआ केसरी द्वारा प्रकाशित की जा रही खबरों से बौखलाई पुलिस ने पैंतरे चलने शुरू कर दिए हैं। पहले खबरे न लिखने के लिए धमकाया और इसपर भी जब बात न बनी तो संपादक के भाई को झूठे आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप पकड़े गए कनुज केसर उस दौरान फील्ड में रूटीन की खबरों की कवरेज में व्यस्त थे। ऐसे में यह बात तो साफ हो गई है कि पुलिस तालिबानी रवैये से मीडिया की आवाज को दबाना चाहती है। इस मामले में भी ठीक ऐसा ही किया गया। पिछले कई दिनों से लगातार कनुज को गिरफ्तार करने की धमकी दी जा रही थी। यही नही संपादक के भाई को सिटी थाने में जान से मारे जाने का भी खतरा है।
आए दिन मीडिया की खबरों पुलिस के खिलाफ निर्भीक पत्रकारिता करते हुए $खबरे प्रकाशित करने के बाद कठुआ पुलिस ने पहले तो संपादक को जिला पुलिस प्रमुख कार्यालय बुलाकर धमकियां दी गई लेकिन बाद में जब पुलिस की पेश नहीं चली तो संपादक के भाई को फंसाने के लिए स्पाट कवरेज करने के बाद घर आते वक्त गिरफ्तार कर लिया गया। एक सुनियोजित साजिश के तहत नशीले पदार्थ की खेप खाते में डाल कर सलाखों के पीछे डाल दिया। संपादक के भाई के खिलाफ मामला दर्ज कर फर्जी तरीके से 6.2 ग्राम हेरोइन खाते में डाल दी गई। अब यहां पर गौर किया जाए तो पुलिस ने सोच समझ कर 6.2 ग्राम हेरोइन ही क्यों लिखी? क्योंकि जल्द जमानत न हो और मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जाए इसका पूरा खाका सोच समझ कर तैयार किया गया।
गौरतलब है कि वुमेन सेल इंजार्ज संजीवनी ज्योति के कार्यालय में काम करने वाली मंजु वर्मा ने उसके खिलाफ प्रताडि़त करने का आरोप लगाते हुए जिला पुलिस प्रमुख को शिकायत की थी। संजीवनी ज्योति के जिला पुलिस के साथ अच्छे तालमेल के कारण पहले तो शिकायतकर्ता मंजु वर्मा के खिलाफ ही विभागीय इंक्वायरी खड़ी कर दी गई। जब वह इस विभागीय इंक्वायरी से परेशान होकर मीडिय़ा के समक्ष पंहुची और उसने आत्महत्या कर लेने की बात कही और इसके लिए संजीवनी ज्योति व जिला पुलिस प्रमुख नीवा जैन को इसका जिम्मेदार बताया तो विभाग में हुई फजीहत के बाद बौखलाई जिला पुलिस प्रमुख ने इस पूरे षडयंत्र को अंजाम दिया। यहां सवाल एक महिला द्वारा महिला को प्रताडि़त किए जाने का था। उल्लेखनीय है कि जिला पुलिस प्रमुख को दी गई शिकायत के बाद जब कुछ समाचार पत्रों ने इस $खबर को प्रकाशित किया तो उनके पत्रकारों को भी अपने कार्यालय में बुलाकर धकिमयां दी गई और उनसे लिखित में शिकायत व मंजु वर्मा कब मीडिय़ा के पास आई लिखित में देने की मांग की गई।
आलम यह है कि एक तो पहले ही लखनपुर थाना में पूर्व नगर कमेटी के अध्यक्ष को दिए जा रहे वीआईपी ट्रीटमेंट्र, स्थानीय होटल रतन पैलेस में देह व्यापार के धंधे का दावा करने के बाद हुई फजीहत के बाद अखबरों की सुर्खियां बनी हुई जिला पुलिस के लिए आए दिन हो रही फजीहत परेशानी का कारण बन रही थी और पत्रकारों को धमकाने के बाद जब पुलिस के पास को विकल्प नहीं बचा तो पुलिस इस तरह के हथकंडे अपनाने लगी।