फरीदकोट(शरणजीत ) पंजाब अंदर 2017 में होने जा रही विधान सभा मतदान दौरान कांग्रेस की सरकार बनेगी या नहीं दूर की बात है,कांग्रेस के बड़े नेताओं ने ख़ुद ही उस से पहले ही पार्टी बीच की फुट को सामने लाना शुरू कर दिया है। कांग्रेसी नेताओं ने वरकरों के कंधे पर बंदूक रख कर ख़ुद को आगे लाने की राजनीति शुरू कर दी है। फरीदकोट जिले भर में जहाँ कैप्टन अमरिन्दर सिंह के प्रधान बाँधने उपरांत बढ़ाईं देने के लिए कांग्रेसी नेता और नेताओं की तरफ से धढ़ा -धड़ होर्डिंग बोर्ड लगाए गए,वहां ही 15 दिसंबर को बठिंडा में ललकार रैली को सफल बनाने के लिए बेशक गुप्त मीटिंगों का सिलसिला तेज़ कर दिया गया है परंतु चौराहों में लगे कैप्टन धढ़े के साथ सबंधित कांग्रेसीयो की तरफ से लगाए गए फ्लैक्स बोर्डों में से पूर्व कांग्रेसी विधायक पर मौजूदा कांग्रेसी विधायक समेत प्रताप सिंह बाजपा की फोटो न लगी होने कारण फुट के संकेत होने की सूचनाएँ मिल रही होने बावजूद खुलकर बोलने को कोई तैयार नहीं। यहाँ यह भी बताने योग्य है कि 15 दिसंबर को बठिंडा में होने जा रही रैली के लिए पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के नये बने प्रधान कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ चटांन की तरह खडे होने के लिए अनेंको कांग्रेसीयों की तरफ से शहर भर में जो फ्लैक्स बोर्ड टाँगे गए हैं,उनमें प्रमुख नेताओं ‘सोनियां गांधी, राहुल गांधी,अम्बिका सोनी समेत कुछ फलैकसों में रवनीत बिट्टू, सुनील कुमार जाखड़ की फोटो हैं,जबकि कई फ्लैक्स बोर्डों में से पंजाब कांग्रेस समिति के पूर्व प्रधान प्रताप सिंह बाजवा,पूर्व मुख्य मंत्री बीबी रजिन्दर कौर भट्ठल पर मौजूदा विधायक जोगिन्द्र सिंह पंजगरांयी,पूर्व विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लों आदि की फोटो गायब हैं,जो कि कांग्रेस की फुट को शर्रेआम ज़ाहर कर रहा है। उधर दूसरे तरफ़ कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि हर व्यक्ति की अपनी अपनी सोच होती है। बोर्डों /होरडिंगें पर फोटो लाने या न लाने साथ पार्टियों की दूरियाँ साबित नहीं होती परंतु कम से कम किसी भी कांग्रेसी नेता या समर्थक की तरफ से होर्डिंग लटकाने समय अपने पहली कतार के नेताओं का ख़्याल रखना चाहिए।