छतरपुर (अब्दुल रशीद खॉ ) /केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय कर रहा है पर्यावरण को संतुलित रखने का गम्भीरता से विचार. आने वाले वाले समय में देश के हर नागरिक को साइकिल चलाना होगा अनिवार्य. आगामी दिसम्बर पेरिस में होने वाली जलवायु बैठक में उत्सर्जन कम से कम करने में अपने योगदान को प्रभावी रुप से क्रियान्वयन करने हेतु साइकिल चलाना अनिवार्य करने पर केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय भारत सरकार गम्भीरता से विचार कर रहा है.
सब ठीक ठाक रहा तो वह दिन दूर नही आने वाले समय में देश के हर नागरिक को साइकिल चलाना और रखना अनिवार्य होगा. हालांकि केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय इस दिशा में कई उपायों की घोषणा की है. लेकिन अब इस दिशा में अपनी ओर से एक एेसी योजना पर विचार कर रही है. जिसका तुरन्त प्रभावी असर सामने आये. “स्वास्थ्य के लिए भी लाभ दायक” मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताविक अब तक इस दिशा में हुए कार्य में यह बात प्रमुखता से निकल कर आई है कि आम आदमी (महिला-पुरुष) अपने घर या कार्यस्थल तक आने जाने में वाहन का उपयोग करते है तो समय के साथ-साथ उनकी जेब भी ढीली होती है. समय भी अधिक लगता है जाम में अनावस्यक आपाधापी का शिकार भी होना पड़ता है. यदि वाहन को एक सीमा तक रोका जा सका तो वायु प्रदुषण तो कम करने में सफलता मिलेगी साथ ही लोगों के बिगड़ते स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होगा. ..
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय इस योजना को कड़ाई से पालन कराने के लिए लोगों में इसके प्रति जागरुकता लाने पर भी काम करेगी.
जिन इलाकों में कार या बाइक पर प्रतिबंध होगा, उन क्षेत्रों में साइकिल से जाना (उपयोग) अनिवार्य होगा. हाल ही में एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि देश के प्रमुख महानगरों शहरों सहित प्रदेश की राजधानियों कथा प्रमुख इलाकों के मार्गों पर हर तरह के वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक है. तभी वायु प्रदुषण कम होगा जिससे पर्यावरण संतुलित रखने में कामयाब हो सकते हैं..
योजना को लागू करने में कोई खामी और इसे सरकार की चोचलेबाजी न समझा जाये इससे बचने के लिए देश भर के पर्यावरणविदों से विचार विमर्श के बाद विदेशी पर्यावरणविदों से भी सलाह लेने की सरकार की योजना है. इसके बाद योजना के प्रारम्भिक रुपरेखा तैयार कर पेरिस की बैठक में प्रभावी छाप छोड़ने के लिये योजना को अंतिम रुप देना चाहेगा भारत.