अम्बाला,: उपायुक्त मनदीप सिंह बराड़ ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से सूचनाएं मिल रही थी कि अम्बाला के नजदीक सटे पंजाब के गांव लौहसिम्बली का अशोक कुमार अम्बाला निवासी प्रवीण कुमार के साथ मिलकर अम्बाला से गर्भवती महिलाओं को लुधियाना ले जाकर भ्रूण जांच करवाता है। उन्होंने बताया कि शनिवार को लुधियाना के उपायुक्त और पुलिस आयुक्त के साथ तालमेल करने के बाद रविवार को सिविल सर्जन विनोद गुप्ता को रेड के लिए डॉक्टरों की एक टीम तैयार करने के निर्देश दिए। तहसीलदार विक्रम सिंगला के नेतृत्व में इस टीम में उपसिविल सर्जन डा बी.बी. लाला, चिकित्सा अधिकारी पवन कुमार और डा0 नीतू को शामिल किया गया।
तय योजना के अनुसार गर्भवती महिला को विश्वास में लेकर अशोक कुमार से भ्रूण जांच करवाने की बात की गई और उसने इसके लिए 20 हजार रुपए की मांग की। बाद में 18 हजार रुपए में मामला तय करने के बाद अशोक कुमार रविवार को उस महिला और रिश्तेदारों को लेकर लुधियाना के लिए रवाना हुआ और गठित की गई टीम ने इस व्यक्ति का पीछा किया। लुधियाना में सुराज मोहम्मद नामक व्यक्ति के साथ अशोक कुमार इस महिला को बग्गा लैबोरेट्री नामक एक स्थान पर ले गया और वहां भ्रूण जांच की। टीम ने अशोक कुमार, बग्गा लैबोरेट्री के संचालक मनमोहन पाल और सुराज मोहम्मद को रंगे हाथो गिरफ्तार कर लिया। लुधियाना पुलिस ने इन तीनों के विरूद्घ शिमलापुरी क्षेत्र के थाने में मुकदमा दर्ज करके तीनों को गिरफ्तार कर लिया है।
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की इस पहल से न केवल भ्रूण जांच और कन्या भ्रूण हत्या के अंतर्राजीय सरगना को पकडऩे में सफलता मिली है बल्कि ऐसे अन्य लोगों के लिए भी यह घटना एक सबक साबित होगी, जो पड़ौसी राज्यों में जाकर इस तरह की गतिविधियां करवा रहे हैं। उपायुक्त ने इस सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को मुबारकबाद देने के साथ-साथ लुधियाना प्रशासन और पुलिस द्वारा दिए गए सहयोग का भी आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा पकड़े गए इन लोगों से इस तरह की अन्य गैर कानूनी घटनाओं की जानकारी मिल सकती है और भविष्य में ऐसे कईं अन्य लोगों को पकडऩे में भी यह घटना एक कड़ी का कार्य करेगी।
उपायुक्त ने कहा कि पीएनडीटी अधिनियम के तहत गर्भ में पल रहे भ्रूण की जांच करना और करवाना कानूनी अपराध हैं और इसके लिए सजा व जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि समाज में कन्या भ्रूण हत्या के कारण महिला-पुरूष अनुपात का संतुलन बिगडने से कईं प्रकार की समाजिक बुराईयां जन्म ले रही हैं। प्रशासन और सरकार के साथ-साथ आम नागरिक को भी इस बुराई को रोकने में अपना सहयोग देना चाहिए और जो व्यक्ति अपने क्षेत्र में भ्रूण हत्या अथवा भ्रूण जांच जैसी घटनाओं की जानकारी देगा, उसे सरकार की ओर से एक लाख रुपए का नगद ईनाम दिया जाता है। जानकारी देने वाले व्यक्ति का नाम, पता और पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाती है।
उपसिविल सर्जन डा. बी.बी. लाला ने बताया कि अब तक पीएनडीटी अधिनियम के तहत अम्बाला व पड़ौसी जिलों और प्रदेशों में 4 रेड करके भ्रूण जांच में शामिल लगभग 10 लोगों को काबू किया गया है और उनके विरूद्घ मुकदमा दर्ज करवाया गया है। कुछ दिन पहले ही इन्द्री के पूर्व विधायक डा. अशोक कुमार व उनके सहयोगियों को भी डा बी.बी. लाला व उनकी टीम ने भ्रूण जांच के मामले में रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।