घनौर(सुशील शर्मा )आज गावों कबूलपुर के सेगु इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड नामक गाये डायरी के प्रागण में एक गरीब और पिछड़ी जाती से सम्बधित भूमिहीन मजदूर(45) ने अपने आप को आग लगा कर ख़ुदकुशी की कोशिश की। उसको जख्मी हालत में चंडीगढ़ के सरकारी हस्पताल में दाखिल करवाया गया है।ख़ुदकुशी की कोशिश करने वाला देवी दयाल गावों कामी कलां का बताया जाता है।उसके परिवार में पत्नी इलावा लड़की और लड़का हैं।मामला मजदूर और डेरी मैनेजर के बीच में पैसे को लेनदेन का बताया जाता है।मजदुर देवी दयाल की माने तो पिछले तीन-चार महीने से उक्त डेरी में गाओ के लिए चारा और तुड़ी वगेरा सप्लाई करता था। उसका आरोप है की उक्त डेरी वाले उसका बकाया नहीं दे रहे। और जिन जमीदारों से वो चारा खरीद करता था वो उसको पैसे के लिए परेशान कर रहे थे। आज दुपहर भारतीय किसान यूनियन(राजेवाल) के करीब 20 पदाधिकारियों के साथ उक्त मजदूर डेरी पंहुचा। वहां पर डेरी के मैनेजर सरवन कुमार गुप्ता से किसान नेताओं की बातचीत हुयी। मैनेजर के मुताबिक़ उनकी डेरी ने उक्त मजदूर को उसके चारे वगेरा की सारी पेमेंट कर दी थी। मैनेजर ने किसान नेताओं को बताया की उक्त मजदूर डेरी को सप्लाई करने वाले चारे में वज़न वगेरा में धांधली करता था।परन्तु मजदूर के मुताबिक़ उसकी मार्च महीने के 17 दिनों की पेमेंट उक्त डेरी मैनेजर ने नहीं की।सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार उक्त किसान की डेरी वालों के साथ थाना शम्भू में पैसे के लेन देन को लेकर एक पंचायती समझोता भी हुया था।और आज जब मजदूर नेता और मैनेजर के बीच बातचीत हो रही थी।इस से पहले की कोई कुछ समझ पाता मजदूर ने अचानक से अपने आप को आग के हवाले कर दिया। और देखते ही देखते वहां हाहाकार मच गयी। मजदुर वहां पर करीब आधा घंटा तक तड़पता रहा। और किसान यूनियन के नेता गुलज़ार सिंह के कहने पर डेरी मैनेजर ने एम्बुलेंस को फ़ोन कर के बुलाया।
क्या कहते हैं थाना प्रभारी-थाना शम्भू प्रभारी मोहिन्दर सिंह ने बताया की वो आज छूटी पर थे। परन्तु जैसे ही उनको घटना की सुचना मिली वो मोके पर पंहुच कर स्थिति का पूरा जायज़ा लेंगे।उन्होंने बताया की देवी दयाल और डेरी मैनेजर के बीच में कुछ दिन पहले ही एक पंचायती समझोता हुया था।
क्या कहते हैं किसान नेता – भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के पंजाब के खजांची गुलज़ार सिंह ने बताया की वो अपने कुछ किसान साथियों के साथ डेरी के मैनेजर के साथ बातचीत कर रहे थे।इतने में बाहर से शोर आवाजें आयी । और देखा देवी दयाल ने अपने आप को आग के हवाले कर दिया था।