राजस्थान के बाँसवाङा (धर्मेन्द्र सोनी) जिले की कुशलगढ विधान सभा की नई ग्राम पंचायत सातलिया के राजस्व गांव सुरवन मै मात्र तीन आदिवासी गरीब भाईयो ने अपने स्व्य के खर्चे से जेसीबी की मदद से मात्र7घंटे मे लोगो के लिए सङक बना डाली मोके पर लोगो ने बताया की सुरवन गांव मे सन 1988मे राजस्थान सरकार ने सुरवन गांव मे तालाब का निर्माण कराया था तब से लैकर अब तक मोहकमपुरा और बावलियापाङा व नई बनी पंचायत सातलिया इन तीनो पंचायतो के धरती पुत्र सुरवन तालाब की नहर से अपने खोतो मे नहर के माध्यम से सिचाई कर धरती से अनाज पकाते थे लोगो ने बताया की आज सत्ताईस साल होने पर भी पंचायत जन प्रतिनिधी प्रधान जिला प्रमुख विधायक सासंद मंत्री भी इस जिले के रहे हमने कई बार सुरवन तालाब से रोङ बनाने की अर्जीया दि मगर सरकार व जन प्रतिनिधीयो के कानो तक जु तक नही रेगी लोगो ने यह भी बताया की पंचायत सातलिया मे सुरवन तालाब से गांव तक इने जाने के लिए महा नरेगा मे मस्टोल भी स्विकूत हुए थः मगर मात्र चार दिन मजदुर के काम करने के बाद मैट दिनेश गोदा ने विवादित जमिन होने का कह कर पंचायत व अधिकारीयो ने काम रोक दिया व मेट ने एक ईशाई मिशनरी प्रोटेनटेस चर्च तक कुछ दिन रोङ का काम मेट ने चलाया और वो भी बंध कर दिया जब से लोग खासे नाराज हूए और मात्र तीन गरीब आदिवासी भाई लक्षमण पुत्र हङीया समसु व बापुसिह पुत्रहङिया ने अपने स्वय के खर्चे से मात्र 7घंटे मे सुरवन तालाब से लोगो के आने जाने का रोङ बना डाला जो सरकार व प्रशासन जन प्रयिनिधियो पर एक प्रहार सा है जब सन 1988यानी 27साल मे जो सङक सरकार व जन प्रतिनिधी नही बना सके वो सङक आज तीन भिईयो ने स्वय के खर्चे से बना डाली जो वाकई तीनो भाई साधुवाद के पात्र है इसे कहते है तीन भाईयो ने दिखाए सुरवन के लोगो को अच्छे दिन