अम्बाला, :अम्बाला मंडल की आयुक्त नीलम प्रदीप कासनी ने जिला अधिकारियों के साथ अम्बाला शहर और सदर क्षेत्र में नालों की सफाई के कार्यों का निरीक्षण किया। उनके साथ उपायुक्त विवेक अत्रेय, जिला राजस्व अधिकारी जे.एस. विर्क, सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता एम.एल. राणा, कार्यकारी अभियंता संदीप कुमार, ए.के. रघुवंशी, नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी डा0 प्रदीप कुमार, कार्यकारी अभियंता डी.के. मंगला, जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता एम.एस. राणा सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
मंडल आयुक्त ने नगर निगम क्षेत्र में गुडगुडिया नाले की सफाई पर संतोष जाहिर किया और साथ ही निगम अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे रेलवे अथॉरिटी से मिलकर उनके क्षेत्र के इस नाले को भी पूरी तरह साफ करवाएं। उन्होंने गांव नन्हेड़ा के पास टांगरी नदी के आउटफाल बिन्दू पर फालतू पानी निकालने के लिए लगाए गए पम्पसैट, सेना नगर क्षेत्र में एयरफोर्स ड्रेन तथा मोटर मार्किट अम्बाला शहर से गुजर रही अम्बाला ड्रेन के सफाई कार्य का भी निरीक्षण किया।
उन्होंने सिंचाई विभाग और नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे परस्पर तालमेल से कोई ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें, जिससे वर्ष भर ड्रेनों को साफ रखा जा सके। उन्होंने कहा कि इस तरह की किसी परियोजना की यदि मुख्यालय से स्वीकृति लेने की आवश्यकता है, तो उसके लिए सम्बन्धित विभाग के उच्च अधिकारियों से वे स्वंय बात करेंगी। उन्होंने कहा कि वर्षा ऋतु आरम्भ होने से पहले सभी ड्रेने सही प्रकार से साफ होनी चाहिए और इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही या कौताही सहन नही की जाएगी।
श्रीमती कासनी ने कहा कि डे्रनों के अलावा जिला से गुजर रही विभिन्न नदियों पर बाढ़ नियंत्रण के लिए चल रहे कार्यों को भी एक सप्ताह में पूरा करें ताकि किसी भी क्षेत्र में नदियों की बाढ़ से होने वाले आबादी और फसली नुकसान को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि जो परियोजनाएं वर्षा ऋतु के बाद शुरू की जानी हैं, उनके लिए भी टैंडर इत्यादि की औपचारिकताएं समय रहते पूरी करें ताकि वर्षा का सीजन खत्म होते ही तुरंत उन पर कार्य आरम्भ हो सके। सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता एम.एल. राणा ने बताया कि शहरों के साथ-साथ गांवों से गुजरने वाले ड्रेनों, पानी के रजबाहों और जिला से गुजरने वाली अन्य ड्रेनों व जल स्त्रोतों की सफाई भी करवाई जा रही है ताकि वर्षा के दौरान पानी का बहाव बिना किसी रूकावट के हो सके।