नई दिल्ली: वन रैंक-वन पेंशन के मुद्दे पर बुधवार को पूर्व फौजी रामकिशन ग्रेवाल के खुदकुशी करने के बाद दिल्ली में जमकर हंगामा हुआ। राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे राहुल गांधी को पुलिस ने अंदर नहीं जाने दिया। पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर थाने ले गई। वहां राहुल की पुलिस अफसरों से तीखी बहस हुई। राहुल ने कहा, “हिंदुस्तान में आप एक शहीद के परिवार के लोगों को अरेस्ट कर रहे हैं। शर्म नहीं आती?” राहुल पहली बार दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर आरएमएल हॉस्पिटल के बाहर से हिरासत में लिए गए। उन्हें दोपहर करीब 4 बजे रिहा कर दिया गया। इसके बाद शाम को दोबारा वे पूर्व फौजी रामकिशन के परिवार से मिलने पहुंचे। तब उन्हें शाम करीब 6 बजे कनॉट प्लेस से दोबारा हिरासत में लिया गया। रात में 8.15 पर राहुल को रिहा कर दिया गया।
दूसरी बार रिहा होने के बाद राहुल ने मीडिया से कहा, “मेरा काम, मैं कांग्रेस का नेता हूं। मैंने उस परिवार से दो मिनट मिलना चाहा। मैंने क्या गलती की? मुझे अरेस्ट कर लिया और कहते हैं कि मैं मामले को पॉलिटिसाइज कर रहा हूं। सवाल ओरओपी का है। इसे किस तरह से किया जाए। शहीद के परिवार को हिरासत में क्यों लिया गया। पुलिस वाला कहता है कि उसे ऊपर से ऑर्डर मिले हैं। आपने उन्हें एक ऐसे दिन कष्ट दिया है। उन्हें बाहर निकलने तो दीजिए। सरकार इनसे माफी मांगे।”
दूसरी बार जब राहुल को हिरासत में लिया गया तो उन्हें बाकी कार्यकर्ताओं के साथ बस में बिठाया गया। इस दौरान कांग्रेस वर्कर्स की पुलिस से झड़प भी हुई। राहुल के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया, शीला दीक्षित और दीपेंद्र हुड्डा को भी हिरासत में लिया गया है। इन्हें तिलक मार्ग थाने ले जाया गया है।राहुल को आरएमएल अस्पताल से हिरासत में लेकर दिल्ली के मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया। वहीं, आर्मी में सूबेदार रहे रामकिशन के परिवार के लोगों को भी पुलिस हिरासत में लेकर यहां लाई थी।रामकिशन के परिवार के लोगों को रिहा करने की मांग करते हुए राहुल यहां एक पुलिस अफसर से उलझ गए।अस्पताल के बाहर से दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, अाप विधायक सुरेंद्र सिंह, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी को भी हिरासत में लिया गया था।