उम्मीद है कि आप लोग अपने अपने क्षेत्रों में संघर्ष की तैयारी में व्यस्त हैं. जैसा कि आपको विदित है 1 जुलाई 2015, को भूमि अधिकार आन्दोलन की वर्किंग कमेटी की एक बैठक, 36, कनिंग लेन में हुई थी. जिसका ब्यौरा आपको मिल गया होगा. इस बैठक में यह तय हुआ था कि 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान, भूमि-अधिकार आंदोलन की ओर से एक जन सुनवाई का आयोजन किया जाएगा. और भूमि अधिग्रहण कानून प्रस्तावित संशोधनों पर सुझाव पेश करने के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति के सदस्यों को इसमें आमंत्रित किया जाए. इस जन सुनवाई में देश के विभिन्न इलाकों से, विशेष रूप से ऐसे क्षेत्रों से जहां भूमि-अधिग्रहण प्रक्रिया का विरोध मुखर रूप से किया जा रहा है, समुदायों के लोगों को बुलाया जाए
रणनीतिक रूप से हम ऐसा मानते हैं कि, भूमि अधिकार आन्दोलन की ओर से बार-बार संयुक्त संसदीय समिति के सदस्यों से यह आग्रह किया जाता रहा है कि वो लोगों के बीच जाएँ और उनकी राय को अपनी रिपोर्ट में शामिल करें. लेकिन ऐसा हुआ नहीं या किया नहीं गया. ऐसे में दिल्ली में ही होने वाली इस जन सुनवाई में शामिल होने से वो इनकार नहीं कर पायेंगे और हमें अपनी आपत्तियों, सुझावों और सिफारिशों को उन तक पहुंचाना आसान होगाn चूँकि खुद समिति ने अपनी रिपोर्ट संसद को पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय लिया है इसलिए भी यह बहुत उपयोगी होगा कि उनकी रिपोर्ट तैयार होने से पहले हम उन्हें इसमें शामिल करें अत: आप सभी साथियों से यह आग्रह है कि आप के अलावा जिन समुदायों के साथ आप संघर्ष कर रहे हैं उनमें से भी कुछ साथियों को लेकर 23 जुलाई को होने वाली इस अहम जन सुनवाई में शामिल हों स्थान : मुक्तधारा, भाई वीर सिंह मार्ग, गोल मार्किट के पास, नईदिल्ली
समय : प्रातः 10 से सायं 4 बजे तक.