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हताश 3400 शिक्षामित्रों ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु, आठ ने दी जान

इलाहाबाद हाईकोर्ट के शिक्षा मित्रों के बिना उचित अर्हता के सहायक अध्यापक पद पर तैनाती की रोक के निर्णय के बाद से प्रदेश में
लाखों शिक्षा मित्र हताश है। आज प्रदेश में विभिन्न जिलों में शिक्षा मित्रों ने बैठक कर उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर कोसा। उधर सूबे में
आज आठ शिक्षा मित्रों ने जान दे दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के प्रदेश में एक लाख 75 हजार शिक्षामित्रों की सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति रद होने से इस पद पर काम कर रहे लोगों को गहरा झटका लगा है। आज प्रदेश में कई जिलों में शिक्षा मित्रों ने बैठक पर अगले कदम पर मंथन किया तो बरेली में 3800 शिक्षा मित्रों ने राष्ट्रपति को पत्र भेजकर इच्छा मृत्यु मांगी है। प्रदेश में कई जगह पर हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सहायक अध्यापक के तौर पर काम करने वाले कई लोगों ने आत्महत्या भी की है। कन्नौज में आज शिक्षामित्र ने ट्रेन से कटकर जान दे दी। सोनभद्र में पीएस खराटिया को फैसला सुनने के बाद ऐसा सदमा लगा कि हार्टअटैक से उनकी जान चली गई। यहीं के एक सहायक अध्यापक सुरेंद्र राम को भी हार्ट अटैक पड़ा, जिससे उनकी हालत नाजुक बनी है। हाईकोर्ट का फैसला लंबे अरसे से रोजगार की आस लगाए बैठे शिक्षा मित्रों पर कहर बनकर टूटा है। नियुक्ति रद होने के फैलसे के बाद गाजीपुर जिले में एक शिक्षामित्र ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। इसी तरह से भानपुर में एक शिक्षामित्र की सदमे के चलते दिमाग की नस फटने से मौत हो गई। यही नहीं चंद्रपुर में तो एक महिला ने कोर्ट का फैसला सुनते ही दम तोड़ दिया। एटा में समायोजित शिक्षक महिपाल सिंह ने गोली मारक आत्महत्या कर ली। गौरतलब है यूपी सरकार ने प्रदेश में शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त करने का फैसला लिया था। हाईकोर्ट ने कल इसे नियमों के विपरीत बताते हुए रद कर दिया। हाईकोर्ट ने निर्धारित योग्यता न होने तथा बिना संस्तुति वाले पदों के आधार पर नियुक्तियों को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।

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