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सरबत खालसा बुलाने के मामलो में गिरफ़्तार भाई जसकरन सिंह फरीदकोट जेल में से रिहा

फरीदकोट (शरणजीत ) सरबत खालसा बुलाने के मामलो में गिरफ़्तार किये गए शिरोमणी अकाली दल (अ) के राष्ट्रीय जनरल सचिव पर सूबा प्रधान किसान विंग जसकरन सिंह काहन सिंह वाला को आज यहाँ की माडरन जेल में से ज़मानत पर रिहा कर दिया गया। पुलिस ने भाई काहन सिंह वाला ख़िलाफ़ देश द्रोह का मुकदमा दर्ज करके उन को 12 नवंबर 2015 को गिरफ़्तार किया था। इस से पहले वह रोपड़ जिले में नज़रबंद थे। भाई काहन सिंह वाला जेल के सेहत केंद्र में इलाज अधीन थे। रिहाई के बाद भाई काहन सिंह वाला ने कहा कि वह अपनी, माँगों के लिए सरकार ख़िलाफ़ लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहब की बेदअबी करने वाले व्यक्तियों की पुलिस अजय तक खोज नहीं कर सकी। उहना कहा कि सरकार जाएँ बूझ कर सिक्ख नौजवानों के कत्ल के ज़िम्मेदार पुलिस अफसरों को बचा रही है। भाई जसकरन सिंह काहन सिंह वाला ने कहा कि अब ऐस.वाई.ऐल्ल का मुद्दा गिनी निश्चित साजिश के अंतर्गत बादल -बीजेपी पर कांग्रेस ने गरमायआ है जिससे सिक्ख कौम का ध्यान अगले मुद्दों से हटाके नहर की तरफ कर दिया जाये। पंजाब इक खेती प्रधान सूबा है और रिपेअरीन कानून के अंतर्गत आता है, कानून मुताबिक जो जो देश सूबे में से नदियाँ साथ ही गुज़रते और नुक्सान की पूर्ति वही सूबा करता है तो उसका लाभ भी पंजाब को ही मिलना चाहिए, जो ओर सूबे में वसता हैं तो वह पंजाब को फ्री क्यों नहीं मिलती जैसे कि राजस्थान में जिप्सम, पश्चिमी बंगाल में कोयला,हिमाचल में ब्यार -दियार -बरोज़ा, जम्मू कश्मीर में सेब -पिस्ता, विशाखा पटनम में पटसन आदि पर पंजाब का कोई हक नहीं, परन्तु पंजाब का पानी राजस्थान हरियाणा को कैसे जाये। उनहोने कहा कि ऐस.वाई.ऐल.कपूरी मोर्चे मुताबिक मरहूम इंद्रा गांधी पर जगमीत सिंह बराड़ आदि नेतायों ने चाँदी की कस्सी के साथ काट लगाकर पंजाब को बरबाद करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। परन्तु यह नहर स्र.सिमरनजीत सिंह मान जी ने संघर्ष करके बहुत अरसे पहला ही रोक दी थी और नहर को भरने के लिए अपने सिर और मिट्टी के टोकरे उठा कर नहर को पूर्ण का काम किया और आतंकवादी सिंहों ने भाई असंख्य सिंह और साथियों का भी बहुत बड़ा योगदान रहा। उनहोने कहा कि अब पंजाब में भूमि -माफियें, नशा मुआफियें, रेत बजरी मुआफियें, और भ्रष्टाचार योवन पर है, स्कूलों में मास्टर नहीं, अस्पतालों में डाक्टरों की कमी, अदालतों में जजों की कमी, थानों में भैना पर बचा बे आस -इज़्ज़त हो रही हैं, नशो की मार नीचे नौजवानों के पंजाब में श्मशान भूमि बल रहे हैं, किसान पर मज़दूर दुकानदार आत्महत्याएँ के रास्ते पड़ रहे हैं और करीब 350 से पर किसान अब तक आत्महत्याएँ कर चुके हैं। इस के इलावा बे आस -मौसमी करके किसानों की फसलों ख़राब होने पर उचित मुआवज़ा न मिलने करके हो रहा है पर सरकार कुंभकरनी नींद सोई पड़ी है। उक्त माँगों को ले कर सो.अ.द.(य) माँग करता है कि किसानों को तरुंत मुआवज़ा देने का ऐलान किया जाये पर साथ ही किसानों सिर चढ़े कर्ज़े और लकीर मारी जाएँ साथ-साथ नौकरियाँ का पबंध किया जाये परंतु सब से पहले श्री गुरू ग्रंथ साहब जी की बेअदबी करने वाले दोषियों को सलाखा के पीछे फेंका जाये जिससे कोई भी शरारती अनसरें ऐसा दुबारें करन से पहले लाख वांर सोचे। उक्त मौके सुरजीत सिंह माली एक्टिव प्रधान पर मिंटू यू.ऐस.ए ने कहा कि यदि आरबिट बस नीचे आई लड़की को तरुंत 24 लाख और दीप बस नीचे आए पीडित को 10 लाख किस तरह का मिल सकता है तो फिर पूरे भारत को अन्न देने वाले किसानों पर मज़दूर को जल्द मुआवज़ा क्यों नहीं मिल सकता। इस मौके प्रकट सिंह मक्खू, इकबाल सिंह बरीवाला, बापू जुगिन्दर सिंह गोलेवाला समेत हजारों नौजवानों ने जेल आगे एकजुट गाडिओं के काफ़िले के साथ जसकरन सिंह काहन सिंह वाला का गर्मजोशी के साथ जहाँ स्वागत किया वहाँ ही 2017 की विधान सभा मतदान में विरोधी पार्टियाँ ख़िलाफ़ सिक्ख कौम को डटने का होकें दिया। उधर दूसरे तरफ़ रिहाई से पहले जेल आगे पर आशा -पास पुलिस ने सख़्त सुरक्षा प्रबंध किये हुए थे जिससे कोई भी असुखद घटना न घटे। यहाँ यह भी बताने योग्य है कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 18 मार्च को जसकरन सिंह काहन सिंह वाला को ज़मानत पर रिहा करन का हुक्म दिया थी। उस के बाद अमृतसर की अदालत ने हाईकोर्ट के हुक्मों के आधार पर माडरन जेल को भाई जसकरन सिंह को रिहा करने के आदेश दिए थे।

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