आमतौर पर यह माना जाता है कि जब किसी राज्य की मुख्यमंत्री कोई महिला होती है तो महिलाओं के प्रति सरकार का रवैया बेहद संवेदनशील होता है, लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि राजस्थान में वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री होने के बाद भी महिलाओं के प्रति असंवेदनशील रवैया खुलेआम दिखाया जा रहा है। 16 फरवरी को राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ जिले में वन सुरक्षा गार्ड की भर्ती के लिए युवक-युवतियों का शारीरिक दक्षता जांची गई। नियमानुसार युवतियों की शारीरिक जांच महिला जवानों के द्वारा ही की जाती है, लेकिन चित्तौड़ में महिला अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता की जांच भी वन विभाग के पुरुष जवानों ने ही की। बेशर्मी की हद तो तब हो गई जब जवानों ने इंचीटेप महिला अभ्यर्थी के सीने पर रखा और कहा कि अब सीना फुलाओं। कल्पना की जा सकती है कि जब कोई पुरूष किसी महिला के सीने पर हाथ रखे खड़ा हो और फिर उसे सीना फुलाने के लिए कहा जाए तो उस महिला की स्थिति क्या होगी? लेकिन चित्तौड़ में महिला अभ्यर्थियों की यह मजबूरी रही कि उन्हें पुरुष जवानों के कहने पर अपना सीना फुलाना पड़ा। शर्मनाक बात तो यह है कि इस मामले में चित्तौड़ के वन अधिकारी अपनी गलती को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इस संबंध में 17 फरवरी को जब वन मंत्री राजकुमार रिणवा का ध्यान आकर्षित किया गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ एक घंटे में कार्यवाही कर दी जाएगी। लेकिन वन मंत्री होने के बाद भी रिणवा दोषी अधिकारियों के खिलाफ दिनभर में भी कोई कार्यवाही नहीं करवा सके। यह तब हो रहा है जब राजस्थान की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वसुंधरा राजे विराजमान है। सार्वजनिक समारोह में वसुंधरा राजे जिस प्रकार महिलाओं को लेकर लच्छेदार भाषण देती है उसे देखकर लगता है कि सरकार की कथनी और करनी में फर्क है।
मंत्री का असभ्य बयान:
इस घटना पर पहले तो मंत्री रिणवां ने कहा कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होगी, लेकिन शाम होते-होते मंत्री ने सिर्फ आरोपी कांस्टेबल को ही हटाने की बात कही। लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इसमें कांस्टेबल दोषी नहीं है, बल्कि उस मेडिकल ऑफिसर का दोष है जिसने पुरुष कांस्टेबल से महिला अभ्यर्थियों की शारीरिक जांच करवाई। कांस्टेबल का कहना है कि मेडिकल ऑफिसर चाय पीने चला गया। उस दौरान मैंने जांच का काम किया। समझ में नहीं आता कि भाजपा की सरकार में किस सोच वाले मंत्री रखे गए हैं। 17 फरवरी को देशभर के चैनलों पर दिनभर वसुंधरा सरकार की आलोचना होती रही लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। मंत्री रिणवां ने तो पूरे मामले को ही मजाक में ले लिया।
बारां में गर्भवती महिला से फिंकवाया गोला:
16 फरवरी को बारां जिले में भी वनरक्षक भर्ती के लिए शारीरिक दक्षता जांची गई। यहां भूपति सहरिया नाम की एक गर्भवती महिला से 4 किलो वजन का गोला फिंकवाया गया। हालांकि इस महिला ने वन अधिकारियों को पहले से ही लिखित में दे दिया वह सात माह की गर्भवती है लेकिन वन अधिकारियों ने महिला की पीड़ा की ओर कोई ध्यान नहीं दिया।