मध्य प्रदेश दतिया-भाण्डेर (शाहिद कुरैशी)। भिण्ड-दतिया क्षेत्र के सांसद डाॅ भागीरथ प्रसाद ने संसद में 20 वर्षो से लंबित भाण्डेर विद्युत परियोजना के क्रियान्वयन की मांग आज रखी। इस मांग के अन्तर्गत किसानों की जमीन सस्ते में लेकर इस पिछडे क्षेत्र में बैरोजगारी एवं विद्युत की कमी से निजात मिलेगी। उन्होंने इस परियोजना को शीघ्र चालू कराने के लिए भारत सरकार से आग्रह किया।
सांसद डाॅ भागीरथ प्रसाद ने संसद में बताया कि 14 सितम्बर 1995 मैसर्स एस्सार पावर (ग्वालयर)लिमिटेड मुबई को गैस पर आधारित 342 मैगावाट हेतु कारखाना लगाने के लिए भारत सरकार से समझौता किया था। इस समझौता के अन्तर्गत 1116 करोड की इस परियोजना को 5 मार्च 1998 को स्वीकृत किया गया था। इस परियोजना के लिए भाण्डेर के पिछडे क्षेत्र में किसानों को बिजली और युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए 112 किसानों से सस्ती दरों पर 150 हैक्टेयर कृषि भूमि अधिग्रहण कर कंपनी को सौंपी गई थी। उस समय यह भी तय हुआ कि विद्युत परियोजना में कृषकों के प्रत्येक परिवार से एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाएगी। अब 17 साल बीत चुके है और योजना अभी तक क्रियान्वित नहीं हुई।
भिण्ड-दतिया संसदीय क्षेत्र के सांसद डाॅ भागीरथ प्रसाद ने स्पष्ट किया कि किसानों की जमीन छिन जाने से उन्हें फसल का लाभ नहीं मिल रहा है तथा विद्युत की भारी कमी के चलते कृषक, विद्यार्थी तथा व्यापारी परेशान हो रहे है। साथ ही क्षेत्र में बैरोजगारी एवं विद्युत की समस्या हल करने के लिए उन्होंने सदन के माध्यम से भारत सरकार के ऊर्जा मंत्री से अनुरोध किया कि उपरोक्त परियोजना का यथा शीघ्र क्रियान्वयन किया जावे। साथ ही किसानों से ली गई 150 हैक्टेयर भूमि पर रोजगार के लिए कारखाना स्थापित किया जाए। जिससे क्षेत्र को बिजली और युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा।