अम्बाला- रेप के मामले में आरोपी अम्बाला शहर के पालिका विहार निवासी एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया व ब्राह्मण महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य को आज एडिशनल सेशन जज दीपक अग्रवाल की अदालत ने बाइज्जत बरी करने के आदेश दिए l शांडिल्य के खिलाफ अम्बाला पुलिस ने थाना बलदेव नगर में 8 जुलाई 2011 को बलटाना जीरकपुर की काजल की शिकायत पर रेप का मुकदमा दर्ज किया था पुलिस को दि शिकायत में उस समय पीडिता का कहना था की एक साल पहले की एक साल पहले 8 जुलाई 2010 को शांडिल्य ने सद्दोपुर रोड पर लम्बी सफ़ेद गाडी में उसके साथ दुष्कर्म किया हालाकि तत्कालीन ए.एस.पी दविंद्र यादव ने एस.एच.ओ बलदेव नगर को आदेश दिए थे की पहले तथ्यों की जांच की जाये फिर कारवाई की जाए लेकिन एस.एच.ओ बलदेव नगर रजनीश यादव ने आनन-फानन में बिना कोई जांच किये पीडिता की शिकायत पर ऍफ़.आई.आर 220/11 दर्ज कर ली थी l वीरेश शांडिल्य की और से अदालत में पैरवी वरिष्ठ एडवोकेट जे.एस कोहली , एन.पी.एस कोहली ने की उन्होंने अदालत को बताया की वीरेश शांडिल्य को साजिश के तहत आल इंडिया एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट के चेयरमैन एम्.एस बिट्टा ने फसाया और इस काम में बिट्टा के पधाधिकारी अम्बाला निवासी नितिन उप्पल व शराब माफिया प्रदीप मित्तल शामिल थे l कोहली ने अदालत को बताया की यदि पीडिता का वास्तव में रेप हुआ था की वो एक साल तक चुप क्यों रही एक साल के बाद ऍफ़.आई.आर दर्ज क्यों करवाई जबकि वह कही भी ऍफ़.आई.आर दर्ज करवाने का अधिकार रखती थी l इस केस में अदालत में यह बात सामने आई की पीडिता ने ऍफ़.आई.आर में रेप की घटना 8 जुलाई 2010 की लिखवाई 161 के बयानों में रेप की घटना होली के आस-पास 2011 की बताई और जब पीडिता ने 30 सितम्बर 2011 को मेडिकल करवाया उसमे पीडिता ने डॉ. बलविन्द्र कौर को कहा उसका रेप मई 2011 में हुआ इस केस में जहा पुलिस ने पीडिता समेत 14 गवाह रखे वाही वीरेश शांडिल्य ने इस केस में 85 डिफेन्स के गवाहों के ब्यान दर्ज करवाए और आरोपी शांडिल्य ने इस सारे केस के षड्यंत्र को कड़ी दर कड़ी बेनकाब किया इस केस में जहा एम्.एस बिट्टा , नितिन उप्पल एवं शराब माफिया प्रदीप मित्तल व बिट्टा के जिस पधादिकारी गगन ने 18 नवम्बर 2011 को अपने मोबाइल से दिल्ली पुलिस को 100 नंबर पर फोन किया उस नंबर की कॉल डिटेल भी अदालत के सामने आई औरबचाव पक्ष के वकील ने साबित किया की 18 नवम्बर को दिल्ली पुलिस को फ़ोन किया वह बिट्टा का पधादिकारी था और गगन की अक्सर बिट्टा से बात होती थी और 17 नवम्बर 2011 को गिरफ्तारी से पूर्व गगन से बात हुई जिसने शांडिल्य की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस को फ़ोन किया l
जहा इस केस में सरकारी वकील व पीडिता के वकील बलबीर जसपाल ने आरोपी को सजा दिलवाने के लिए अदालत को कई तरह की दलीले दि लेकिन अदालत ने बचाव पक्ष की तमाम दलीलों को सवीकार करते हुए आरोपी एटीऍफ़आई प्रमुख वीरेश शांडिल्य को बाइज्जत बरी करने का आदेश सुनाया व्ही इस मामले में बचाव पक्ष के वकील जे.एस कोहली ने कहा की पीडिता कितनी षड्यंत्रकारी है उसने 2007 में चंडीगढ़ में अपने पति के खिलाफ भी रेप का मुकदमा दर्ज करवाकर 7 साल की सजा करवाई हुई है और यही नहीं पीडिता ने जिस नाम से आरोपी पर मुकदमा दर्ज करवाया है वह भी उसका फर्जी नाम था जो बलदेव नगर के तत्कालीन एस.एच.ओ ने तत्कालीन सी.जे.एम् अमरजीत सिंह की अदालत में लिखित रूप में बताया था l वीरेश शांडिल्य की तरफ से इस केस में 85 गवाह पेश हुए जिसमे प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया , तत्कालीन ए.एस.पी दविंद्र यादव , प्रधानमंत्री कार्यालय के ओ.एस.डी. , टेलीफोन विभाग के अधिकारी , मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी , पी.जी.आई के डॉक्टर , फोर्टिस हस्पताल के डॉक्टर , चंडीगढ़ नगर निगम के अधिकारी , चंडीगढ़ बुरैल जेल के अधिकारी , चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी , राजपुरा के पुलिस अधिकारी , हरियाणा पुलिस के अधिकारी , सुप्रीम कोर्ट के वकील , दिल्ली हाई कोर्ट , पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट समेत कई सरकारी कार्यालयों का रिकॉर्ड डिफेन्स की तरफ से शांडिल्य के वकील कोहली ने पेश किया l बचाव पक्ष ने कहा की जिस दिन की दिनांक पीडिता रेप की बता रही थी उस दिन सद्दोपुर में चार-चार फुट बाढ़ का पानी था जिसको केस के आई.ओ गुरदर्शन सिंह व रजनीश यादव ने भी मानी थी l यही नहीं इस केस में उस वक़्त नया मोड़ आया जब पीडिता ने अपने अपहरण की कहानी घडते हुए अम्बाला शहर के सतपाल सत्ता पर अपहरण का आरोप लगा दिया लेकिन पीडिता का यह आरोप भी अदालत में दम तोड़ गया और अपहरण के आरोपी को भी अदालत ने बरी कर दिया l याद रहे इस झूठे व मनघडत केस में वीरेश शांडिल्य 14 महीने नाजायज अम्बाला जेल में रहे लेकिन आज सच की जीत हुई भले ही वीरेश शांडिल्य को इस केस के षड़यंत्र को बेनकाब करने के लोए ढाई साल लग गए लेकिन अद्लाता ने एक बार फिर दूध का दूध और पानी का पानी अक्रेट हुए साबित कर इडया की इस देश में नयायपालिका ही एक ऐसी संस्था है को आम आदमी के मान-सम्मान को बहाल कर सकती है और आम आदमी को सरक्षण कर सकती है l