शिमला : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बीपीएल सूची में चल रही गड़बड़ी का कड़ा संज्ञान लेते हुए सर्वेक्षण करने की बात कही है। बीपीएल सूची में कुछ धनाड्य परिवारों के नाम दर्ज होने के मामले सामने आए हैं, जिससे गरीब लोग सुविधाओं से वंचित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने बीपीएल की सूची में नामांकित परिवारों से शपथपत्र लेने तथा इसकी जांच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा करने का कहा। उन्होंने कहा कि आवास के आबंटन तथा अन्य लाभों के लिए धनाड्य परिवारों को अधिमान दिया गया है तथा वास्तविक बीपीएल परिवार एवं समाज के कमजोर वर्ग इससे प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने यह बात राजपूत कल्याण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। बैठक में आर्थिक रूप से कमजोर राजपूत समुदाय के लोगों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व पिछड़ा वर्ग की समरुपता पर प्रदान करने की मांग उठी। बैठक में बोर्ड के प्रतिनिधियों ने आगामी बजट में राजपूत अथवा ब्राह्मण समुदाय के बीपीएल परिवारों को कल्याणकारी एवं आवासीय योजनाओं के अन्तर्गत लाने की मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह समुदाय द्वारा उठाए गए मुद्दे से सहमत हैं तथा इस संबंध में वह केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे और यदि, वहां से इस संबंध में कोई उत्तर प्राप्त नहीं होता है, तो राज्य सरकार गरीबी की रेखा से नीचे रह रहे राजपूत समुदाय के परिवारों के लिए कल्याणकारी एवं आवासीय योजनाओं को क्रियान्वित करेगी। वीरभद्र सिंह ने अन्तरजातीय विवाह के लिए प्रदान किए गए 50 हजार रुपए के अनुदान की पूर्ण सूचना प्राप्त करने के निर्देश दिए, क्योंकि अन्तरजातीय विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि के दुरूपयोग के कई उदाहरण सामने आए हैं। इस दौरान अन्तरजातीय विवाह के लिए दिए जाने वाली प्रोत्साहन राशि को समाप्त करने की मांग गई, जिस पर मुख्यमंत्री ने मामले में जांच-पड़ताल का आश्वासन दिया।