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मुख्यमंत्री ने कांग्रेसी विधायकों को राज्य के अति महत्वपूर्ण हितों के लिए विधान सभा के विशेष सत्र में हिस्सा लेने को कहा

रखड़ा, (पटियाला): सतलुज यमुना नहर को राज्य की जीवन रेखा बताते हुए पंजाब के मुख्य मंत्री स. प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि राज्य के पानी की रक्षा के लिए ठोस रणनीति तैयार करने कांग्रेसी विधायकों को विधान सभा के विशेष सत्र में अनिवार्य रूप से हिस्सा लेना चाहिए क्योंकि यह राज्य की जीवन रेखा का मुद्दा है ना कि कोई राजनीतिक मामला है।
कैबिनेट मंत्री स. सुरजीत सिंह रखड़ा के पिता स्व. सूबेदार बापू करतार सिंह की 20वीं बरसी के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि राज्य के अति महत्वपूर्ण हितों के मद्देनजर कांग्रेसी विधायकों को विधान सभा के विशेष सत्र दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह समय की जरूरत है क्योंकि देश को यह संदेश जाना चाहिए कि सारा पंजाब इस मुद्दे पर एकजुट है। यह हर पंजाबी की जंग है और सारे सदन को इस मुद्दे पर एकजुट होना चाहिए।
एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्य मंत्री ने कहा कि इस मामले में ना ही एनडीए सरकार और ना ही प्रधान मंत्री श्री नरिन्दर मोदी की कोई भूमिका है क्योंकि यह मामला अब राष्ट्रपति के पास है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल मुद्दे पर अपनी सलाह दी है। उन्होंने कहा कि वे जल्दी ही भारत के राष्ट्रपति से मिलकर राज्य में पानी की स्थिति से अवगत करवाएंगे। स. बादल ने कहा कि वे राज्य के पानी की रक्षा प्रति वचनबद्ध हैं और इस सम्बन्ध में हर संभावी प्रयत्न करेंगे।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की तरफ से किये जा रहे विरोध प्रदर्शनों प्रति पूछे गए प्रश्रों पर स. बादल ने कहा कि दोनों पार्टियाँ अपने संकुचित राजीतिक हितों के लिए इस मुद्दे पर राजनीतिक नौटंकी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर राज्य और राज्य के लोगों के साथ धोखा किया है। इसी तरह स. बादल ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने इस सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दिया है परन्तु अब यह दोनों पार्टियाँ इस तरह से विरोध से लोगों को गुमराह करने का प्रयत्न कर रही हैं।
मुख्य मंत्री ने कहा कि विरोधी पार्टियाँ इस नाजुक मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके शासन दौरान एसवाईएल के लिए एक भी इंच जमीन नहीं ली गई। उन्होंने कहा कि यह नहर राज्य के विरुद्ध साजिश है जिसकी योजना कांग्रेस ने बनाई थी और इसको शुरू भी उस ने ही किया था। स. बादल ने कहा कि ज्ञानी जैल सिंह ने इसके लिए प्रशासकीय स्वीकृति दी थी और दरबारा सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इस नहर का शिलान्यास किया था और मेरी ओर से इसके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में दायर किया गया केस भी इसी सरकार ने ही वापिस लिया था।
मुख्य मंत्री ने कहा इस सम्बन्ध में पंजाब और हरियाणा के आम लोगों में कोई भी विरोध नहीं है। उन्होंने लोगों को अफवाहों से बचने और इस सम्बन्ध में तनावग्रस्त ना होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के लोग लगातार शांति और आपसी भाईचारे के महौल में रह रहे हैं और एक दूसरे का सत्कार करते हैं।
इससे पहले उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि एसवाईएल को कभी भी बनने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने राज्य के लोगों को दरियाओं के पानी की रक्षा के लिए हर बलिदान के लिए आगे आने का आह्वान किया। स. बादल ने स्पष्ट किया कि पंजाब के पास एक भी बूँद अतिरिक्त पानी नहीं है और एसवाईएल समझौता कांग्रेस सरकारों की तरफ से राज्य के साथ किया गया बड़ा अन्याय है। अकाली दल ने इस समझौते का हमेशा ही विरोध किया है और अब भी यह इस नहर का निर्माण ना होने देने प्रति पूरी तरह दृढ़ है।
मुख्य मंत्री ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह और दूसरे कांग्रेसी नेताओं ने इस नहर का 1980 में शिलान्यास करते समय श्रीमती इंदिरा गांधी का स्वागत किया था और अब वही नेता ही इस मामले पर इस्तीफे देने का नाटक कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग बहुत समझदार हैं और वह असली दोषियों को भली भांति जानते हैं जिन्होंने राज्य के हितों के साथ खिलवाड़ किया है। स. बादल ने कहा कि यह महत्वपूर्ण दौर है जब हर पंजाबी को आगे आकर नहर के निर्माण के विरोध में डटना चाहिए।
स. बादल ने आगे कहा कि नदियों का पानी राज्य की जीवन रेखा है और इसे बाँटने का कोई भी प्रयास पंजाब को तबाह कर देगा। एसवाईएल नहर बारे समझौता करते समय केंद्र की कांग्रेस सरकार ने रिपेरियन सिद्धांतों को पूरी तरह अनदेखा किया। उन्होंने कहा कि नदियों के पानी की रक्षा करना हर पंजाबी का फर्ज है और हर एक को नहर के विरोध में आगे आना चाहिए।
स्व. सूबेदार बापू करतार सिंह धालीवाल को श्रद्धाँजलि भेंट करते हुए मुख्य मंत्री ने उनकी तरफ से सैना, पुलिस और देश के लिए दी गई सेवाओं को याद किया। उन्होंने कहा कि बापू धालीवाल नौजवान पीढ़ीयों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं जिन्होंने सख्त मेहनत ने साथ उच्च स्थान हासिल किया। स. बादल ने बापू जी, उनके पुत्रों श्री दर्शन सिंह धालीवाल और श्री सुरजीत सिंह रखड़ा की सेवाओं को भी याद किया।

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