राजपुरा: पार्षद द्वारा दिया गया बयान कि नगर कौंसिल द्वारा बस एंट्री फीस को ठेके पर देने को रखी बोली में नगर कोंसिल प्रधान एवं कार्यकारी अधिकारी ने अपनी मनमानी कर ठेके की बोली को कम रेट में करवा दिया है। इस पर नगर कोंसिल प्रधान प्रवीण छाबड़ा ने कहाकि बोली बड़े ही पारदर्शी ढंग से हुई है। मैं कार्यकारी अधिकारी, सुप्रीडेन्ट एवं स्टॉफ की प्रशंसा करता हूँ क्योंकि मेरे सामने उन्होंने ठेकेदारों को बढ़ावा देकर यहां तक बोली को पहुंचाया, ये उनकी ही हिम्मत है कि बोली की रकम पिछली बार से 3 लाख ज्यादा में गई है। जहां मैं स्टॉफ की प्रशंसा करता हूँ, वहीं इस सही कार्य पर उनके साथ भी खड़ा हूँ, क्योंकि बोली मेरे सामने बिलकुल सही एवं पारदर्शिता से हुई है। ये जो इल्जाम पार्षद द्वारा लगाये जा रहे है वो महज एक राजनीती स्टंट है और कुछ नहीं। उसके द्वारा दिए गए सारे आरोप बेबुनियाद है। लोग ऐसी अफवाहों से बचे।
अगर उसकी बात में सच्चाई होती तो वो मौके पर ही इसका विरोध कर सकता था क्योंकि बोली के समय वो वहां मौजूद था। आखिर बोली होने के दो दिन बाद ही क्यों उसने यह सारा डरामा करना शुरू किया। अगर फिर भी अगर उक्त पार्षद को लगता है कि बस एंट्री फीस के ठेके की बोली 68 लाख 50 हजार से ज्यादा में जा सकती है या इस रकम से ज्यादा कोई बस एंट्री फीस का ठेका कोई लेने को तैयार है, तो उसको हमारे सामने लाये। हम इस पर विचार कर सकते है। क्योंकि इसके सरकार और राजपुरा नगर कोंसिल दोनों को ही फायदा है। सिर्फ बेमतलब की बातें करके किसी को बदनाम करने से कोई हीरो नही बन जाता।