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माफियाओं में नहीं है सत्ता का भय

राज्य के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के जन्मदिन के दिन सोशल मीडिया पर उनको बधाई देने का दौर चल रहा था ऐसे में सोशल मीडिया पर राजधानी के बुद्धिजीवी का संदेश वायरल हुआ जिसमें लिखा था कि मैं सुबह से देख रहा हूं कि मोदी ब्रिगेड शिवराज सिंह को जन्मदिन पर बधाई देती है कि उस संदेश में इन शब्दों का भी उल्लेख किया गया था कि भय के कारण मोदी ब्रिगेड के बधाईयों के संदेश आने लगे हैं सवाल यह उठता है कि भाजपा में ऊपर से लेकर नीचे तक और राज्य से लेकर सभी एक ही पार्टी के सदस्य हैं तो ऐसे में एक-दूसरे नेता में वैमनस्यता होने का प्रश्न ही नहीं उठता? क्योंकि वह एक ही दल के नेता हैं पता नहीं उक्त बुद्धिजीवी का इस तरह का संदेश सोशल मीडिया पर देने के पीछे क्या मकसद था यह वही जाने लेकिन उस संदेश में इस तरह के शब्दों का उपयोग करना भय के कारण मोदी ब्रिगेड अब धीरे-धीरे जन्मदिन के बधाई के संदेश भेजने लगी है उनके इस तरह के शब्दों के उपयोग के बाद सवाल यह उठता है कि क्या वास्तव में शिवराज सिंह चौहान से मोदी से जुड़े लोग और उसकी कथित ब्रिगेड के सदस्य भयभीत हैं वह भयभीत हैं या नहीं यह तो पता नहीं लेकिन यह जरूर है कि राज्य में शिवराज के सत्ता पर काबिज होने के बाद उनके ही विधानसभा क्षेत्र बुधनी से पनपे अवैध माफिया अवैध रेत खनन अवैध वन कटाई का जो सिलसिला शुरू हुआ था वह आज उनकी राज्यभर में लोकप्रियता की तरह पूरे प्रदेश में माफियाओं का कारोबार फैल गया है और वह दिन रात धड़ल्ले से अवैध उत्खनन चाहे वह रेत का हो या खनिज का करने में लगा हुआ है, स्थिति यह है कि इन अवैध कारोबार करने वाले माफियाओं के बीच जो भी आता है उसे सबक सिखाने में पीछे नहीं रहता है ऐसे ही मामले अभी हाल ही में प्रकाश में आए जिसमें मुरैना में वन अमले पर भी हमला किया गया। जिसके कारण ट्राली के नीचे दबकर एक वनरक्षक की मौत हो गई हालांकि इससे पहले भी जब मुरैना में एक आईपीएस अधिकारी की यह माफिया जान ले चुके हैं, यह मामला अकेला मुरैना का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में इस तरह की घटनाएं घटित हो रही हैं इनको देखकर यह लगता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भय के कारण मोदी बिग्रेड भयभीत हो लेकिन वहीं दूसरी ओर प्रदेश में सक्रिय माफियाओं पर कोई भय न तो शिवराज सिंह का है और न ही उनकी सरकार का और यही वजह है कि सरकारी अमला जो इनके कारोबार में रुकावट बनने का काम करता है उसे वह मारपीट में ही नहीं बल्कि निपटाने में भी जरा भी परहेज नहीं करते पता नहीं इसके पीछे क्या कारण हैं जो राज्य में माफियाओं के अवैध कारोबार पर यह सरकार बंदिश नहीं लगा पा रही है जिसके चलते इस तरह के कारोबार में लिप्त कारोबारियों द्वारा उनके कारोबार में आड़े आने वाले लोगों को निपटाने तक का काम किया ही जा रहा है तो वहीं सरकारी राजस्व को हानि पहुंचाने का भी गोरखधंधा चल रहा है। यदि इस कारोबार से जुड़े कारोबारियों पर मोदी ब्रिगेड की तरह जरा भी भय की स्थिति बनती तो राज्य में अवैध कारोबार से खजाने को चूना नहीं लगता और राज्य की स्थिति इस तरह की कंगाली के दौर से नहीं गुजरती यही नहीं प्रदेश सरकार को अपनी परसम्पत्तियां गिरवी और बेचने तक की नौबत ना आती और ना ही कर्ज लेना पड़ता। क्योंकि प्रदेश में प्राकृतिक की इतनी मेहरबानी है कि चारों ओर वन संपदा से लेकर हीरे जैसी सम्पदा का अथाह भण्डार है लेकिन सरकार का मोदी ब्रिगेड का भय न होने के कारण राज्य के इन बहुमूल्य संपदा को अवैध कारोबार से जुड़े लोग दिनरात बर्बाद करने में लगे हैं तो वहीं सरकारी खजाने को भी क्षति पहुंचा रहे हैं।

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