लुधियाना। आचार्य महाश्रमणजी कि विदुषी सुशिष्या साध्वी शुभ प्रभा जी के सान्निध्य में प्रज्ञादिवस समारोह का भव्य आयोजन सुन्दर नगर स्थित गज्जा जैन कम्युनिटी सैंटर में किया गया। साध्वी जी ने इस अवसर पर फरमाया कि महाप्रज्ञ कौन होता है, महाप्रज्ञ कैसे बने हमें जानना होगा। उन्होंने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ ज्ञान की गंगा, साधना की सरस्वती और लोक कल्याण की कालिन्दी का संगम स्थल थे। आचार्य महाप्रज्ञ वैज्ञानिक व्यक्तित्व, प्राचीनता व नवीनता के सेतु, कालजर्य व्यक्तित्व, शील सम्यन, श्रुत सम्पन्न व कथनी व करनी की समानता के महापुरुष थे। उन्होंने प्रज्ञा दिवस पर पूरे विश्व में प्रज्ञा की निर्मल धाराएं बहे ऐसी शुभेच्छा जताई। साध्वी कान्तयशा जी ने आचार्य महाप्रज्ञ के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। साध्वी अतुलयशा ने प्रेक्षाध्यान के प्रयोग करवाए। साध्वी नीयतीप्रभा व साध्वी मनस्वी प्रभा जी ने मधुर गीतीका प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में तेरापंथ युवक परिषद का शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित किया गया। तेयुप अध्यक्ष श्री कुलदीप जैन सुराणा द्वारा गठित नई कार्यकारिणी को दयानंद अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डा. नरेन्द्र जैन ने शपथ ग्रहण करवाई। डा. नरेन्द्र जैन ने कुलदीप जैन व उनकी कार्यकारिणी को बधाई देते हुए उनके लिए धर्मसंघ के लिए ऐसे ही कार्य करने के लिए मंगलकामना की। कार्यक्रम में विशेष रूप से पधारे प्रसिद्घ उद्योगपति एवं समाज सेवक श्री राकेश कपूर भी नई गठित तेरापंथ युवक परिषद को बधाई देने पहुंचे। डा. नरेन्द्र जैन व उद्योगपति राकेश कपूर को श्री महेन्द्रपाल गुप्ता, बंसीलाल जी, रायचंद जैन व सभा अध्यक्ष कमल नवलखा ने सम्मान प्रतीक भेंट किए। कन्यामंडल ने इस अवसर पर विशेष मनमोहक नाटक व महिला मंडल ने गीतिका प्रस्तुत की। कमल नवलखा ने आए हुए सभी व्यक्तियों का आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम का कुशल संयोजन तेयुप अध्यक्ष कुलदीप जैन सुराणा ने किया। इस अवसर पर देवेन्द्र गुप्ता, राजकुमार बुच्चा, जितेन्द्र महणोत, प्रवीण भंडारी, पवन नवलखा, प्रसन्न कोचर, प्रकाश लोढा, धीरज सेठिया, दर्शन महणोत, संदीप सुराणा, केसरी सुराणा, मनोज छाजेड, किशन नवलखा, राकेश सेठिया, सुभाष सेठिया, प्रवीण सेठिया, विशाल दुगगड़, सुनील पारख, सुरेन्द्र चोपड़ा, रमन जी बरडीया, कमल कोठारी, सुरेन्द्र डुंगरवाल, संजय महणोत, नंदलाल जी महणोत, राजेश वैद, पारस धालीवाल, योगेश जैन, विनोद देवी सुराणा, संगीता जैन आदि उपस्थित थे।