दो किलोमीटर ऊंचे पहाड़ से गुरुद्वारा पर गिरी चट्टान से पूरा मणिकर्ण हिल गया था। थोड़ी देर तक पता ही नहीं चला। जब तक स्थिति समझ में आती तब तक बहुत कुछ तबाह हो चुका था। गुरुद्वारा प्रबंधकों और सेवादारों का कहना है कि करीब दो बजे पूरा गुरुद्वारा थर्राया। वे बाहर निकले कि भूकंप आया है। बाहर जाकर देखा तो गुरुद्वारा का एक हिस्सा ध्वस्त हो चुका था। ये देखते ही अफरा-तफरी मच गई।
उसके बाद अपनों को खोजने का दौर शुरू हुआ। सेवादार जसबिंद्र का कहना है कि जो लोग आधे मलबे में दबे थे उन्हें निकालने प्रयास किया। उसने तीन लोगों को मलबे से निकाला और बचाव दलों को बुलाया। घायलों को अस्पताल भेजा।
गुरुद्वारे से मलबा हटाया
लापता लोगों को तलाशने के लिए बचाव दलों के दो सौ के करीब जवान जुटे हैं। इसमें एनडीआरएफ के 31 जवान, आईटीबीपी के 40, एसएसबी के 60 पुलिस और होमगार्ड के 70 के करीब जवान शामिल हैं। जवानों ने देर शाम तक सात शवाें को निकाला गया था। गुरुद्वारा साहिब से बचाव दलों ने मलबा हटा दिया है। एडीएम विनय सिंह ठाकुर ने बचाव कार्य का माेर्चा संभाल लिया है। अंधेरा होने के कारण एनडीआरएफ और अन्य दलों के सर्च ऑपरेशन को रोक दिया है। प्रशासन यहां नजर बनाए हुए है। 1999 में गुरुद्वारा के पास चट्टान गिरने से एक घर ध्वस्त हुआ था। इस घटना में मकान मालिक महिला शांति देवी सहित तीन लोगों की मौत हुई थी जबकि चार लोग घायल हुए थे।
मणिकर्ण में और चट्टानें गिरने का खतरा
बताया जा रहा है कि करीब दो किलोमीटर ऊंची पहाड़ी से गिरी चट्टानों से रास्ते में और कई चट्टानें गिरने के कगार पर पहुंच गई हैं। ऐसे में प्रशासन ने भी यहां मुस्तैदी दिखानी शुरू कर दी है। हादसे के बाद गुरुद्वारा साहिब को पुलिस जवानों ने घेर लिया। गुरुद्वारा के एक छोर में एंट्री पूरी तरह से बंद कर दी गई है।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सात लोगों की मौत पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को राहत मैन्युअल के अनुरूप मृतकों के परिजनों को तत्काल राहत राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने घायलों को सर्वोत्तम उपचार सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिजनों को इस असहनीय दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
सांसद ने लिया राहत कार्यों का जायजा
मंडी. सांसद रामस्वरूप शर्मा ने गुरुद्वारा साहिब पहुंचे। उन्होंने राहत कार्यों का जायजा लिया। सांसद ने कहा कि घायलों को तुरंत बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने प्रशासन को आदेश दिए कि बाहरी राज्य से आए श्रद्धालुओं को चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ अन्य किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके प्रबंध किए जाए।