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भाई और भाभी पर क़त्ल का मुकदमा दर्ज़,26 साल पहले दर्ज़ हुयी थी गुमशुदा रिपोर्ट

कतल कर लाश को ठाकुर दुआरे में दफना कर दीवार चिनवा दी
घनौर) थाना घनौर पुलिस ने सीनियर पुलिस कप्तान पटिआला आदेशरूप कतल का मुकदमा दर्ज़ किया है। उक्त मुकदमा 26 साल पहले हुए कथित कतल मामले में ठाकुर दुआरा के मौजूदा मंहत काम दास व् उसकी भाभी प्रकाशो देवी के खिलाफ दर्ज़ किया गया है । थाना प्रभारी देविन्दर सिंह ने जानकारी देते हुए कहा की जसमेर सिंह पुत्र रतन सिंह निवासी घनौर ने हल्फिया ब्यान में कहा की काशी दास का कतल उसके भाई काम दास व् भाभी प्रकाशो देवी ने किया है । पुलिस जांच और डिप्टी अटॉर्नी की जांच के बाद उक्त दोनों पर कतल का मुकदमा दर्ज़ किया गया है। पुलिस जांच मुताबिक़ ठाकुर दुआरा घनौर के पूर्व महंत शरधा दास की 30 साल पहले मौत हो गयी थी । उसके चार बेटे खेम दास,काशी दास,काम दास व् नरंग दास थे । जिनमे से खेम दास विवाहित था। और बाकी तीनो अविवाहित थे। खेम दास का विवाह प्रकाशो देवी के साथ हुया था।पुलिस के मुताबिक़ शरधा दास की मौत के बाद काशी दास डेरे का मंहत बना दिया गया था । और जांच के मुताबिक़ वो शराब का अत्यधिक सेवन करने लगा था । शराब पीने के कारण वो डेरे की ज़मीन बेचने लग गया था । इस से उसके तीनो भाई और भाभी अंदर से दुखी थे। क्यंकि ठाकुर दुआरे की ज़मीन की रजिस्ट्री नहीं हो सकती। इस लिए काशी दास पैसे लेकर ज़मीन के प्लॉटों के एग्रीमेंट करवा दिया करता था।प्रथम जांच में ये पाया गया की इस से दुखी होकर काम दास,खेम दास, नारंग दास प्रकाशो देवी ने उसका कतल कर दिया । उसकी लाश को ठाकुर दुआरे में दफन कर उस के उप्र दीवार बनवा दि। और 24 जून 1989 को काम दास ने थाना घनौर में काशी दास की गुमशुदगी इतलाह दर्ज़ करवा दी।7 साल बाद काम दास को डेरे का मंहत बना दिया गया ।
क्या कहता है काम दास :कथित दोषी काम दास ने कहा की मुदई जसमेर सिंह पुत्र रतन सिंह के खिलाफ मानयोग अदालत ने 26 नवंबर 2013 को फैसला सुनाया था । और उक्त प्लाट को खाली कराने आदेश ज़ारी किये थे। इस लिए जसमेर सिंह ने 26 साल बाद इस मसले को उठाया है ।

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