अम्बाला:एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया ने पंजाब के शहीद मुख्य्मंत्री सरदार बेअंत सिंह को याद किया और कहा की पंजाब से आतंकवाद का बीज नाश कर अपनी कुर्बानी देने वाले बेअंत सिंह की प्रतिमा मोहाली एयरपोट परिसर में लगाई जाये जो पंजाब और केंद्र सरकार की बेअंत सिंह को सच्ची श्रधान्जली होगी आज अम्बाला में शहीद बेअंत सिंह की बेटी गुरकंवल कौर पहुंची और यहाँ पहुंचे पर उनका फ्रंट सदस्यों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया l इस मौके पर हरियाणा के प्रधान कुलवंत सिंह मानकपुर, पंजाब के प्रधान मनीष पाशी,अम्बाला के प्रधान रमेश अरोड़ा,बिट्टू जट्ट,प्रवक्ता राम मेहर शर्मा,राष्ट्रीय सचिव विकास शर्मा,राकेश शांडिल्य , विजयेन्दर कुमार, रमेश अरोड़ा, इरफ़ान खान, विकास सिंगला, रोहिन, लखविंदर सिंह साधापुर सहित भारी तादाद में फ्रंट के सदस्य माजूद थे। शांडिल्य ने कहा की देश के लिये जैसी कुर्बानी शहीद भगत सिंह की है उसी तरह की कुर्बानी पूर्व सीएम की है उन्होंने कहा मोहाली एयरपोट में शहीद मुख्य्मंत्री बेअंत सिंह की प्रतिमा लगाने को लेकर फ्रंट मोदी जी और प्रकाश सिंह बादल को मांग पत्र देगा और वही मांग पत्र में फ्रंट ये मांग भी करेगा की शहीद सीएम बेअंत सिंह के परिवार के लिए एक सीट पंजाब में राज्य सभा की स्थाई तौर पर बेअंत सिंह परिवार के नाम से सुरक्षित रखी जाये और ये शुरुआत उनकी बेटी पूर्व मंत्री रही गुरुकँवल कौर से की जाए इससे पूरे देश में सन्देश जायेगा की राज्य और भारत सरकार मोदी जी के नेतृत्व में शहीदों की सोच पर पहरा दे रही और उनके परिवारो को सम्मान दे रही है । वही उन्होंने कहा की पुरे पंजाब की जनता को फ्रंट की इस मुहीम से जुड़ना होगा उन्होंने कहा पंजाब की अमन और शांति के लिये बेअंत सिंह मसीहा बनकर आए और पंजाब के अमन को बहाल कर आतंकवाद को जड़मूल से मिटा वीरगति को पा गए उनको फ्रंट शत् शत् नमन करता है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुरकंवल कौर ने कहा की एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य आतंकवाद के खिलाफ जोरदार मुहिम छेड़े हुए है और यही सपना उनके पिता शहीद बेअंत सिंह का था की देश से आतंकवाद जड़मूल से खत्म हो जाए l उन्होंने कहा एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया उनके पिता के आदर्शों पर चल रहा है और देश से आतंकवाद को खत्म करने के लिए लड़ाई लड़ रहा है l गुरकंवल कौर कहा पंजाब में किसी भी कीमत पर आतंकवाद को नहीं पनपने देंगे चाहे इसके लिए किसी भी तरह की कुर्बानी क्यों ना देनी पड़े