दरख्तों की कटाई बन सकती है जानवरों के लिए खतरा एक तरफ जहां सरकार पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए यत्न करने के दावे कर रही है, वहीं संगरूर और पटियाला जिले के बीड़ों में लगे बड़े तादाद में मस्कट और सफेदे के दरख्तों पर अंधाधुंध सरकारी आरी चलाई जा रही है। पंजाब के वन विभाग को मस्कट (पहाड़ी किक्कर) और सफेदे को दूसरे पेड़ पौधों के लिए खतरनाक बताया जा रहा है। इसके कारण पंजाब सरकार के आदेशों के मुताबिक जंगली जीवों के रहन सहन को बनी बीड़ों में इन दोनों दरख्तों का सफाया कि या जा रहा है। सरकारी आदेशों पर विभाग ने इस कार्रवाई को अंजाम देना शुरू कर दिया है और संगरूर पटियाला में जंगली जीवों के लिए बना रैन बसेरे इन बीड़ों में हजारों की संख्या में पहाड़ी किक्करों और सफेदे के दरख्त काटे जा रहे हैं।
वन विभाग के मुताबिक पटियाला बीड़ मैहस में से सफेदे के 15681 और संगरूर की बीड़ एशवन में से पहाड़ी किक्कर और सफेदे के 11061 दरख्त काटे जा रहे हैं, जिसकी मुख्यमंत्री की तरफ से मंजूदी दी जा चुकी है। यह कार्रवाई अगले साल तक जारी रहेगी। इसके एवज में वन विभाग की तरफ से अगले दस साल में आठ करोड़ की लागत से नए पौधे लगाकर उन्हें पालने की योजना तैयार हो चुकी है। काटे जा रहे दरख्तों से जो रेवेन्यू जुटाया जाएगा उसका इस्तेमाल इन बीड़ों के विकास तथा विस्तार पर लगाने की बातें की जा रही हैं लेकिन इन बीड़ों में नए दरख्त लगाने और उन्हें पालने में बहुत बड़ी समस्या खड़ी होने की संभावना है क्योंकि बीड़ों में रहते जंगली जानवर इन नए लगाए पौधों को चलने नहीं देंगे।
विभाग का तर्क: वन विभाग का इस मामले में तर्क दिया जा रहा है कि पहाड़ी किक्कर एक ऐसा दरख्त है जिसे कोई फल अथवा फूल नहीं लगता और न ही इसके आसपास अन्य कोई वनस्पति होती है। इसकी वजह से जंगली जीवों के रहने का माहौल उनके अनुकूल नहीं रहता।जिस कारण इन दरख्तों को काटा जाना जंगली जीवों के हित में ह