फ़रीदकोट(शरणजीत ) शेख बाबा फ़रीद जी के साथ सबंधित धार्मिक और शैक्षिक अदारे जिसमें टिला बाबा शेख फ़रीद, गुरुद्वारा गोदडी साहब, बाबा फ़रीद पब्लिक स्कूल और बाबा फ़रीद ला कालेज के सभी कामों का प्रबंध संभाल रही टिला बाबा फ़रीद और चैरिटेबल सोसाईटी के साथ पिछले समय के दौरान लगभग 1 करोड़ 60 लाख रुपए का घपला हुया था, के दोषियों ने घपलो की रकम 1 करोड़ रुपए वापिस कर दिए और आज समूह संगतों की हाज़िरी में अपनी गलती कबूल कर ली और संगतों ने दोषियों को माफ कर दिया। आज प्रातःकाल मुखी शेख बाबा फ़रीद में संगतो के भारी जलसे को संबोधन करते बाबा फ़रीद धार्मिक और शैक्षिक अदारों के चेयरमैन स. इन्द्रजीत सिंह खालसा ने बताया कि बाबा फ़रीद संस्थायों के लेखाकार गुरसेवक सिंह और गीता पासी ने पिछले समय दौरान फ़र्ज़ी बिल तैयार करके सोसाईटी के साथ लगभग 1 करोड़ 60 लाख रुपए की ठगी मार कर सिंगापुर में फ़रार हो गए थे। उन्होंने बताया कि दोषियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही करने के लिए के लिए कोशिशे की गई। उन्होंने बताया कि गुरतेज सिंह तेजा बलवान नगर काऊंसलर फरीदकोट की कोशिश और प्रेरणा सदका दोषियों ने शेख बाबा फ़रीद सोसायटी को 1 करोड़ रुपए वापिस कर दिए और बाकी 60 लाख रुपए संगतें ने माफ कर दिए। इस मौके स. इन्द्रजीत सिंह ख़ालसा ने समूह संगतों से अपील की कि यदि वह दोषियों को माफ करना चाहती है तो अपने हाथ खडे करके परवानगी दे और संगतों ने हाथ खडे करके परवानगी दे दी। इस मौके स. इन्द्रजीत सिंह ख़ालसा ने इतिहास की बात सम्बन्धित बताया कि हमीर सिंह और बीर सिंह में फरीदकोट की रियासत का कोण हकदार है, बारे झगड़ा हो गया। इस इलाके के सरदारों की पंचायत ने बीर सिंह को कसम चक्कण के लिए कहा कि यदि वह सच्चा है तो प्रातःकाल नहा कर बाबा फ़रीद के स्थान का कुंडा खोले। उस ने इस तरह ही किया और पंचायत ने उसको झगड़े वाले इलाको का हकदार मान लिया तो वह बहुत शान -शौकत के साथ अपने बिरादरी के सरदारों से फ़ैसला अपने हक में हो जाने पर बुरी मुस्तफा की तरफ रवाना हो गया। उसके सिपाहियों साथियों और गाने वाली ने मुद्दकी रात काटी । जब स्वभाव का वक्त हुया तो वह मरा पाया गया। इस बात की इस इलाको में बहुत चर्चा हुई और लोगों के मान में यह पक्का भय बैठ गया कि बाबा जी के स्थान पर झूठी कसम उठाने वाले का हश्र बुरा होता है और उस दिन के बाद किसी आदमी ने बाबा जी के स्थान पर झूठी कसम उठाने उठाने की हिम्मत नहीं की और इस घटना के बाद बाकी के भाइयों ने गुरूहरसहाए के उस समय के गुरू क्रम सिंह से अमृत पान किया। इस मौके सोसाईटी के सेवक महीपइन्दर सिंह सेखों ने भी अपने विचार पेश किये