फरीदकोट(शरणजीत ) ज़िला फरीदकोट में हर साल बाबा फ़रीद जी का आगमन पूर्व प्रशाशन की तरफ से बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है जिस कारण प्रशाशन शहर को ख़ूबसूरत बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता , चाहे सारा साल शहर की मंदी हालत क्यों न रही हो शहर की कोई गली,सड़कें ऐसीं नहीं होती जहाँ आवारा पशु,गन्दगी के ढेर,शहर की टूटीं सड़कों के साथ शहर निवासियों की नींद हराम हुई रहती है और लोग हर साल बाबा फ़रीद जी के मेले का इंतजार करते इस आशा के साथ समय निकालने के लिए मजबूर होते हैं कि उनको शहर ख़ूबसूरत नयी दुलह्न की तरह सजा देखने को मिलेगा तो बाबा फ़रीद जी की ही कृपा के साथ,क्योंकि सारा साल प्रशाशन ग्रांट की कमी को ले कर बेबस नज़र आता अपना पल्ला झाड़ लेता है और यह चाहे थोड़ा समय ही सही क्यों न हो,क्योंकि मेले के बाद शहर निवासियों को फिर सारा साल शहर की खस्ता हालत के साथ संताप भोगना पड़ता है।आज फरीदकोट शहर में जिधर देखो प्रशाशन शहर को सजाने में कोई कसर नहीं बाकी नही छोड़ना चाहता ,सभी शहर में कारीगर फुट्टपाथ की टूट फूट,और रंग रोगन के साथ शहर को नयी दुल्हन की तरह सजाने में मशरूफ नज़र आते हैं ता जो बाबा फ़रीद जी का मेला श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाया जा सके।अब देखने वाली बात यह होगी कि शहर को सवारने के लिए कितना ख़र्च आता है और शहर कितनी देर ख़ूबसूरत रहेगा या फिर हर साल की तरह शहर निवासियों को दुखी हालत में ही रहना पड़ेगा।