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नगर निगम कर्मचारियों की गुंडागर्दी, पत्रकार को ज्वांइट कमिश्नर के ईशारों पर बनाया बंधक

बठिंडा : विवादों में रहने वाले नगर निगम बठिंडा के कर्मचारियों की गुंडागर्दी का नंगा नाच शनिवार को उस समय देखने को मिला जब वर्किंग डे वाले दिन हड़ताल पर रहने वाले निगम कर्मचारियों की कवरेज करने के लिए गए पजाब सहारा समाचार के स्टाफ रिपोरर्टर पपिंदर सिंहमार को नगर निगम कर्मचारियों ने ज्वाइंट कमिशनर नगर निगम बठिंडा कमलकांत के ईशारों पर मुख्य दरवाजा बंद कर बंधक बना लिया। करीब एक घंटे तक सिंहमार को बंधक बनाकर रखा गया व जेसी कमलकांत के सामने जलील किया गया। मामले की जानकारी मिलने के तुरंत बाद बठिंडा प्रेस क्लॅब के सीनियर उप प्रधान जसकरण सिंह मीत, जनरल सचिव सचिन शर्मा, सचिव गुरतेज सिंह सिद्धू, ज्वाइंट सचिव अश्वनी काका के अलावा सांझी खबर के ब्यूरो चीफ अमनदी गोसल, पजाब सहारा समाचार ग्रुप के मुख्य संपादक योगेश बातिश, पजाब केसरी व जगबाणी के प्रेस फोटो ग्राफर सिद्धू जी, प्रेस फोटो ग्राफर अशोक कुमार द अ ील न्यूज, दैनिक सवेरा के प्रेस फोटो ग्राफर गौरव चिंका, सीमा संदेश के प्रेस फोटो ग्राफर सुनील कुमार, पीएसएस के ्प्रेस फोटो ग्राफर राकेश शर्मा व अन्यों ने पहुंच कर पत्रकार पपिंदर सिंहमार को नगर निगम कर्मचारियों के चंगुल से छुड़वाया। नगर निगम कर्मचारियों की गुंडागर्दी यहां भी बस नहीं हुई और उनके द्वारा सिंहमार के समर्थन में आए अन्य पत्रकारों को भी बंधक बनाने का परयास किया गया। बीपीसी परधान ने मामले की सख्त शब्दों में नींदा की और उन्होंने डेली पोस्ट से स्टाफ फोटोग्राफर कुलबीर बीरा को समर्थन के लिए भेजा। क्योंकि बीपीसी परधान व डेली पोस्ट के एसोसिएट संपादक रजेदी बठिंडा से बाहर थे। मामले की शिकायत एसएसपी बठिंडा स्वपन शर्मा को दे दी गई हैं। वहीं एसएसपी ने मामले की जांच एसपी स्पेसल देसराज को सौं दी है। बीपीसी पदाधिकारियों व बठिंडा के समस्त मीडिया भाईचारे ने मामले की नींदा करते हुए नगर निगम कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ स त कार्रवाई करने की मांग रखी है। पत्रकार सिंहमार ने बताया कि शनिवार की सुबह करीबीे 12 बजे उसके पास एक व्यक्ति ने फोन किया कि उसने डेथ सर्टीफिकेट बनवाना हैं परंतु पिछले चार माह से उसका सर्टीफिकेट नहीं बनाया जा रहा है। उसने बताया कि कभी कर्मचारी हड़ताल पर होते हैं तो कभी छुट्टी पर रंतु आज शनिवार को उक्त कर्मचारी द तर में बैठे हैं व उसके सर्टीफिकेट को बनाने से यह कहते हुए मना कर दिया कि आज छुट्टी हैं। जानकारी मिलने के बाद वह कवरेज के लिए फोटोग्राफर राकेश शर्मा और विनोद हैप्पी के साथ नगर निगम में गया था। इस दौरान सामने आया कि नगर निगम कर्मचारी अपने-अपने दफ्तर के दरवाजे अंदर से बंद करके बैठे थे। जबकि कानूनन छुट्टी वाले दिन सरकारी कर्मचारी अपने दफ्तर में सरकारी कार्य नहीं कर सकते। सरकार द्वारा छुट्टी वाले दिन दफ्तर में बैठना तो क्या दफ्तर खोलने के लिए रोक लगाई गई हैं। क्योंकि अंदेशा जताया जा रहा है कि छुट्टी वाले दिन सरकारी कर्मचारी द तर में बैठकर दो नंबर के कार्य को ही अंजाम देते हैं। यहां तक कि बठिंडा का हाल यह है कि वर्किंग डे वाले प्ंचों दिन सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर रहते हैं जिस कारण आम जनता के कार्य ही नहीं होते व जनता को परेशानी होती हैं। परंतु छुट्टी वाले दिन उक्त कर्मचारी दो नंबर के कार्य के अलावा अपना वेतन पक्का करने के लिए दफ्तर में बैठ कर कागजी कार्रवाई ूरी करते हैं। सिंहमार ने बताया कि इस दौरान एक कमरे में सरकारी कर्मचारी एसी चलाकर शराब पीने में मस्त थे। जिनकी तस्वीर लेने के बाद उक्त कर्मचारियों ने उसके पास से कैमरा छीन कर उक्त फोटो डिलीट करवा दी। उसके बाद उन तीनों को मेन गेट बंद कर बंधक बनाने का ्रयास किया गया परंतु निगम के बाहर खड़ी आम जनता ने दरवाजा बंद नहीं होने दिया। इस बीच ज्वाइंट कमीशनर कमलकांत भी नगर निगम में आ गए थे। बाद में सिंहमार अ नी बाइक निगम से बाहर निकालने के लिए गया तो नगर निगम में तैनात सहायक कैलाश शर्मा ने भाग कर नगर निगम का मेन दरवाजा बंध करवा दिया व उस पर ताला जड़ दिया। जबकि यूनीयन का परधान बताने वाले एक अन्य कर्मचारी चीमा ने पत्रकार के मोटरसाईकिल की चाबी निकाल ली व उसको गालियां देनी शुरू कर दी। उसको कहा गया कि बठिंडा में सारे ही चोर पत्रकार बन गए और आज एक प त्रकार की पत्रकारी झाड़ी जाए।
-कमलकांत ने कहा: बठिंडा के पत्रकार आम आदमी पार्टी के खिलाफ लगाते हैं खबरें, एक को सबक सिखाओ बाकी अ ने आ सुधरेंगे सिंहमार को कैलाश ने धक्के मारने शुरू कर दिए व चीमा ने उसका हाथ कड़ कर उसे जेसी कमलकांत के रूम में लेकर गए और कहा कि बस आ को इसकी शक्ल दिखानी थी और अब इसकी छित्तर रेड करेंगे। कमलकांत ने उन्हें रोकने की बजाय कहा कि इसको बंधक बना लो व इसकी त्रकारी झाड़ो। कमलकांत ने यह तक कहना शुरू कर दिया कि आम आदमी पार्टी की सरकार पजाब में बनने जा रही हैं और उसकी सरकार में अधिकारियों की ही चलेगी। रंतु बठिंडा के त्रकार आ के खिलाफ खबरें लगा कर आ को बदनाम तो कर ही रहे हैं व बादल सरकार तथा कांग्रेस के हक में लिखकर अधिकारियों को मिलने वाली आजादी पर रोक लगाने का परयास कर रहे हैं। इतना कहते ही कमलकांत ने कर्मचारियों को कहा कि अब इसको छोडऩा मत। इस दौरान एक कर्मचारी ने कहा कि इसके खिलाफ एक शिकायत भी दो कि यह उनसे पैसे मांग रहा था। इसके बाद हुंचे बीपीसी दाधिकारियों व अन्य त्रकारों ने सिंहमार को छुड़वाया परंतु कैलाश शर्मा व चीमा ने सिंहमार के हक में आए पत्रकारों को भी बंधक बनाने के लिए मेन गेट बंद करने का परयास शुरू कर दिया। मामले की शिकायत एसएसपी बठिंडा को दे दी गई हैं। एसएपी ने एसपी स्पेशल देसराज को मामले की जांच सौपं दी है। पत्रकारों ने कहा कि अगर आरोपी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो बठिंडा प्रेस क्लॅब टीम द्वारा संघर्ष शुरू किया जाएगा।

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