फरीदकोट(शरणजीत ) ज़िला फरीदकोट में सांझे तौर पर 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के कहने पर केंद्र की मोदी सरकार और पंजाब सरकार की मुलाजिम -मज़दूर विरोधी नीतियों ख़िलाफ़ देश व्यापक हड़ताल को भरवाँ स्वीकृति मिला और केंद्रीय अदारों में बैंक,बीमों,टैलिफोन,डाक विभाग के इलावा बिजली और बसें की मुकम्मल हड़ताल रही।पंजाब और यू.टी.कर्मचारी संघर्ष समिति की तरफ से स्थानिक जिला सचिवालय के सामने की गई सांझी रोष रैली को संबोधन करते हुए मुलाजिम नेता प्रेम चावला,प्रदीप बराड़,जतिन्दर कुमार,गुरदयाल भट्टी,सतीश वधवा,नरिन्दर कटारिया,मक्खण सिंह,असौक कौशल,इकबाल सिंह,लखविन्दर कौर,अवतार सिंह गिल,वीरइन्दरजीत पुरी,जगजीत पाल जे.पी,मुनि लाल ने बोलते केंद्र सरकार को ताड़ना की कि वह देसी और विदेशी धनाड कंपनियों के दबाव नीचे कीर्त कानूनो में मज़दूर विरोधी तजवीज़ सोधा पास करने से गुरेज़ करे।वक्तों ने देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता की रीड की हड्डी पब्लिक सैक्टर अदारों के “मर जाएँ ” की प्रधान मंत्री की तरफ से टिप्पणी की सख़्त निषिद्धता की।एक संकल्प के पास करके पंजाब सरकार से माँग की कि ठेका आधारित कच्चे मुलाजिमों को पूरे तनख़्वाह सकेलों में रेगुलर करने की नीति अपनाई जाये और २००४ के बाद भरती मुलाजिमों की पैंशन एक्स गरेशिया आदि सभी हक बहाल किये जाएँ,पंजाब के छटे तनख़्वाह कमीशन की स्थापना करके डी.ए.दा 17 महीनों का बकाया तुरंत अदा किया जाये।रैली उपरांत केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियाँ के ख़िलाफ़ पूरे शहर में रोष मुज़हरा भी किया ग