गंगा नगर : जिला कलेक्टर महोदय अगर स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियाँ व पल पल बीमारियों की और बढ़ते हुए बच्चों की झलक देखना चाहते हो तो अपने दफ्तर से चंद कदम दूर मल्टी पर्पज स्कूल में जाकर देखो आप पूरे जिले को नसीहत देना भूल जायोगे क्योंकि जो अपना आस पास ही साफ़ सुथरा देख रख नही सकता उसे कोई हक़ नही कि वो ऊँची ऊँची आवाज़ में नरेंद्र मोदी जी के स्वच्छ भारत अभियान की बात करे।
आज पब्लिक पार्क एसोसिएशन व श्री गंगा नगर चैंबर ऑफ़ कामर्स के सयुंक्त तत्वाधान में अपने समाजिक सरोकारों के तहत प्रेस से मिली जानकारी के मुताबिक़ मल्टी पर्पज स्कूल का निरिक्षण किया। स्कूल प्रिंसिपल व प्रबंध समिति के लोगों को साथ लेकर जब व्यवस्था देखि तो सभी के होश फाख्ता हो गए कि किस कदर जिला मुख्यालय से चंद कदम दूर छोटे छोटे मासूम बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। स्कूल में बच्चों के लिए पीने वाली पानी की टंकी में हरी हरी काई जमी हुई। धूल मिटटी व गंदगी से सारी टेंकी भरी पड़ी थी। जनसहयोग से जो वाटरकूलर व फ़िल्टर लगाए गए थे वो खराब पड़े थे बच्चे वहीँ से पानी पी रहे थे। जब प्रिंसिपल को साथ लेकर क्लासों को देखा तो वहां के हाल बद से भी बदतर थे क्लासों में बड़े बड़े ज़ाले लगे हुए थे सारा फर्श मिटटी से भरा पड़ा था। हर कोई हैरान परेशान था कि हम किसी जिला मुख्यालय के स्कूल में है या किसी बार्डर एरिया के स्कूल में है जहां पर आने जाने के लिए सड़क भी नही होती। सफाई के बारे में पूछने के बारे में प्रिंसिपल व सफाई निरीक्षक ने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया कि हमारे स्कूल में 28 कमरो पर सिर्फ एक ही सफाई कर्मचारी है और उसको भी जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर नाईट ड्यूटी पर लगा रखा है हमारे पास कोई भी सफाई कर्मचारी नही है इस लिए सफाई नही होती। इससे शर्मनाक बात कोई हो ही नही सकती कि एक तरफ हम रट्टू तोते की तरह स्वच्छ भारत स्वच्छ भारत की डुगडुगी बजा रहे है और दूसरी तरफ अपनी ही नाक के नीचे अपने ही शहर के बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे है। व्यापारी भाइयों ने जहां इस व्यवस्था के बारे में अपना आक्रोश जताया वहीं इस व्यवस्था को दरुस्त करने के लिए हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया कि इस व्यवस्था को सुधारने के लिए हम तन मन धन से आपके साथ है पर खबरदार बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हरगिज़ बर्दाश्त नही करेंगे। स्कूल प्रबंधकों को एक तारीख का समय दिया है अगर इस दरमियान व्यवस्था नही सुधरी तो उन्हें कोई एक्शन लेना पड़ेगा।
जिला कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी महोदय गांव गांव व तहसील स्तर पर निरिक्षण करने से पहले अपने शहर के स्कूलों का प्रबंध स्तर सुधारो अगर गांव के किसी स्कूल के निरिक्षण के समय किसी ने मुंह पर बोल दिया न कि हमारे स्कूल या गांव आने से पहले अपनी नाक के नीचे वाले स्कूलों की हालात तो देख लो फिर सिवाए शर्मिंदगी के आपको कुछ नही मिलेगा सो बराए मेहरबानी इस गरीब बच्चों की ज़िन्दगी से खिलवाड़ न होने दो अगर यही हाल किसी प्राइवेट स्कूल का होता तो आप कई स्कूलों की मान्यता भी रद्द कर चुके होते क्योंकि उन स्कूलों में आप जैसे उच्चाधिकारियों के बच्चे पड़ते है। रब दा वास्ता है इन बच्चों की सुध भी लो। आज के इस समाजिक सेवा में व्यापारी तेजिंदर पाल सिंह टिम्मा ,प्रेम अरोरा ,ओम असीजा ,संजय कालड़ा ,नरेश चुघ ,अशोक भाटिया ,नरेंद्र सिंह ,सतीश कुटवानी ,रमेश मिड्ढा ,जयकरन ,मनोज सरावगी ,सतीश पुंछी,रमेश सलूजा ,शशि कुक्कड़ व कंवरजीत सिंह भाटिया सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।