अम्बाला विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने केन्द्रीय कारागार अम्बाला शहर में पौधारोपण किया। उन्होंने जेल परिसर में रूद्राक्ष का पौधा लगाकर पौधारोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस मौके पर सीजेएम ए.के. जैन, रवनीत गर्ग और जेल अधीक्षक ए.आर. बिश्नोई ने भी पौधारोपण किया।
इस अवसर पर दीपक गुप्ता ने कहा कि पौधे व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक एक संरक्षक के रूप में भूमिका अदा करते हैं। पौधों से मनुष्य व पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों को आक्सीजन मिलती है। यदि पृथ्वी पर पेड़-पौधे समाप्त हुए तो उसके साथ ही मानवता का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पीपल सहित कुछ ऐसी प्रजातियों के पौधे हैं, जो एक दिन में ऑक्सीजन के 100 सिलेंडर के बराबर ऑक्सीजन देते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में प्रकृति के साथ अनावश्यक छेड़छाड़ हुई है, जिसके कारण मानवता को बाढ़, भूकम्प, सूखा इत्यादि प्राकृतिक त्रासदियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि नेपाल का भूकम्प व गत वर्षों में केदारनाथ में हुआ महाविनाश सहित अन्य बड़ी प्राकृतिक आपदाएं भी इसी छेड़छाड़ का परिणाम है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और राज्य वन नीति के अनुसार पृथ्वी का 20 प्रतिशत भू-भाग वनों से ढक़ा होना चाहिए लेकिन अभी तक 6.8 प्रतिशत क्षेत्र में ही जंगल और पेड़-पौधे हैं। उन्होंने कहा कि वनों का क्षेत्र कम होने से ओजोन की परत कमजोर हो रही है, जिसके कारण अत्याधिक गर्मी और अकाल जैसी स्थिति बनती जा रही है। उन्होंने उपस्थित कैदियों और जिला वासियों से अनुरोध किया कि वे वर्ष में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और लगाए गए पौधे के बड़े होने तक उसकी उचित देखभाल भी करें।
जेल अधीक्षक ए.आर. बिश्नोई ने कहा कि पौधे कम होने से ग्लोबल वार्मिंग हो रही है, जिसके कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते वनों के क्षेत्र को न बढ़ाया गया और पर्यावरण प्रदूषण इसी गति से जारी रहा तो 25 वर्ष के बाद प्रत्येक व्यक्ति को सांस लेने के लिए अपने साथ सिलेंडर लेकर चलने की नौबत आ सकती है। उन्होंने कहा कि वेद, शास्त्रों में पौधे का महत्व समझाते हुए बताया गया है कि सिर सांटे रुंख रहे, जो भी सस्तो जाण का उल्लेख किया गया है। वन विभाग के रेंज अधिकारी राजेश कुमार ने इस मौके पर बताया कि इस वर्ष में जिला में 9.82 लाख पौधे लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि गत वर्ष केन्द्रीय कारागार में बेल पत्र, पीपल, बड़, नीम, कदम्ब, चौपरासा, पिलखन, आंवला और अर्जुन सहित लगभग एक हजार पौधे लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में पौधारोपण के साथ-साथ कृषि वानिकी को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए वन विभाग द्वारा किसानों को विभिन्न नर्सरियों से सफेदा और पोपुलर इत्यादि की अच्छी किस्मों के पौधे उपलब्ध करवाए जाते हैं।