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कृषि विभाग ने जिला के हर किसान तक पहुंच बनाने के लिए आरम्भ किया अलख कार्यक्रम।

अम्बाला, : उपायुक्त मनदीप सिंह बराड़ ने कहा कि कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिïकोण अपनाकर इसे उद्योग की तरह लाभकारी व्यवसाय का रूप दिया जा सकता है। इसके लिए शिक्षित युवा किसानों को नवीनतम कृषि तकनीक के साथ जोडने और उन्हें विपणन संबधी तकनीक में निपुण बनाने की आवश्यकता है।
श्री बराड़ आज पंचायत भवन अम्बाला शहर मे कृषि विभाग द्वारा जिला के हर किसान तक नवीनतम कृषि पद्घति की जानकारी पहुंचाने के लिए आरम्भ किये गये अलख कार्यक्रम के शुभारम्भ के उपरांत प्रतिभागियों को सम्बोधित कर रहे थे। पूरे प्रदेश में इस तरह का प्रयास कृषि विभाग के स्थानीय अधिकारियों द्वारा केवल अम्बाला में आरम्भ किया गया है और इस प्रयास में शिक्षकों, विद्यार्थियों और किसानों में बेहतर तालमेल स्थापित किया जायेगा।
उपायुक्त ने कहा कि हरियाणा में 70 से 75 प्रतिशत परिवार प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से कृषि के साथ जुडे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को पुराने फसल चक्र की बजाए लाभकारी फसलें उगाने, उनके वैज्ञानिक उत्पादन के साथ-साथ बाजार तक पहुंचाने की तकनीक के बारे में भी निपुण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नगदी फसलों के साथ-साथ फलों, सब्जियों, फूलों व इस तरह के अन्य उत्पादों में किसान पारम्परिक फसल चक्र की तुलना में कहीं अधिक लाभ हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तर्ज पर हिमाचल के किसानों द्वारा फूलों की खेती करके अपने उत्पाद को यूरोप तक पहुंचाया जा रहा है उसी तरह से हरियाणा के किसानों को भी प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उन्होंने उपस्थित अध्यापकों का आहवान किया कि वे विद्यार्थियों तक यह तकनीक पहुंचाने के लिए प्रात:कालीन सभाओं व शिक्षा विभाग द्वारा आरम्भ की गई कक्षा गतिविधियों में भी इस विषय को शामिल किया जा सकता है और इसके लिए विशेष समय तय करने की आवश्यकता नही है। उन्होने कहा कि जब विद्यार्थी अध्यापकों द्वारा कृषि के बारे में दी गई आधुनिक तकनीक की चर्चा अपने परिवार में करेंगे तो निश्चित रूप से कृषि विभाग का यह संदेश प्रभावी रूप से किसानों तक पहुंचाया जा सकता है।
अलख नामक इस विशेष कार्यक्रम के प्रभारी एवं अम्बाला के कृषि उपनिदेशक गिरीश नागपाल ने इस अवसर पर कहा कि इस अभियान में जिला के उच्च और वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालयों के मुख्याध्यापकों व प्रिंसीपलों को शामिल किया गया है। इन सभी अध्यापकों को कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा रबी और खरीफ की फसलों, गेहूं की काश्त तथा बागवानी के लिए विशेष तौर पर तैयार की गई पाठन सामग्री भी उपलब्ध करवाई गई। श्री नागपाल ने बताया कि इन सभी स्कूल मुखियों का वाटस अप समूह बनाया जायेगा जिसके माध्यम से उन्हें कृषि विभाग केे प्रत्येक नवीनतम निर्णय और योजना की जानकारी दी जायेगी। यह स्कूल मुखिया इस जानकारी को प्रात:कालीन सभा व विशेष कक्षाओं में विद्यार्थियों को समझाएंगे।
कृषि विज्ञान केन्द्र अम्बाला के वरिष्ठï कृषि वैज्ञानिक डा0 एस.के. शर्मा ने उपस्थित स्कूल मुखियों को फसलों की बिजाई के समय, विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों, खादों व दवाईयों के संतुलित प्रयोग, अधिक खाद व दवाई के प्रयोग से भूमि और किसान को होने वाले नुकसान, जीरो टिल से गेहूं तथा सीधी बिजाई से धान की फसलें उगाने तथा विभिन्न फसलों में आने वाली बीमारियों के लक्षण इत्यादि की विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा कृषि क्षेत्र से जुडे अन्य विशेषज्ञों ने भी विभिन्न पहलूओं के बारे में चर्चा की और नवीनतम व वैज्ञानिक कृषि तकनीकों के बारे मे बताया। उपायुक्त ने इस अवसर पर उल्लेखनीय कार्य करने वाले कृषि विभाग के कृषि विकास अधिकारी हरीश कुमार, विक्रम, रोशन लाल और विनय को प्रमाण पत्र व स्मृ़ति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में डीपीआरओ परमजीत सैनी, सर्व शिक्षा विभाग के जिला परियोजना समन्वयक रविन्द्र कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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