मुंबई। मुंबई सहित पुरे महाराष्ट्र के कालाबाजारियों पर मकोका के तहत कार्यवाई की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। गत दिनों नाशिक में राज्य के अन्न नागरिक पुरवठा मंत्री गिरीश बापट के आदेश पर कुछ कालाबाजारियों पर मकोका के तहत पहली कार्यवाई की जानकारी मिली है।बताया जाता है की ट्रॉम्बे निवासी “मुंबई प्लस न्यूज़” के मालक-मुद्रक-प्रकाशक फारुख मेवाती ने नाशिक में गत दिनों कुछ कालाबाजारियों पर मकोका के तहत हुई कार्यवाई का जिक्र कर राज्य के नागरिक पुरवठा मंत्री गिरीश बापट को पत्र लिख कर मुंबई के कालाबाजारियों पर मकोका लगाने की मांग की है।उन्होंने अपनी मांग में यह भी कहा है की जिन कालाबाजारियों के खिलाफ दो से अधिक मामले दर्ज हों उनका राशनिंग विभाग से दूर दूर का रिश्ता ख़त्म कर दिया जाए।
गौरतलब है की गत सप्ताह मानखुर्द पुलिस की हद में अन्न नागरिक पुरवठा विभाग के अधीन से आम नागरिकों में वितरित किये जाने वाले अनाज की कालाबाजारी का भंडाफोड़ हुआ था।करीब 40 लाख के राशन की कालाबाजारी करने वाले 9 लोगों के खिलाफ अन्न नागरिक पुरवठा नियम 1995 के भादवी 3,7,8,10 के तहत कार्यवाई की गई थी।जिसमें ट्रक क्रमांक एम.एच-15 बी.जे-9903,एम.एच- 04-एफ.यू-1835,एम.एच-46-एफ-,549,व ट्रक क्रमांक एम.एच-43-यू-2044 को पकड़ कर 770 बोरी अनाज जिसकी कीमत करीब 40 लाख था उसे पुलिस ने अपने कब्जे में लिया था।यहाँ के वरिष्ट राशनिंग अधिकारी आर.एन.कांबले की शिकायत पर पुलिस ने एलएसी क्रमांक 67/2015 के तहत मामला दर्ज कर कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया था।जिसमे अफसर शेख,चंद्रकांत रंगनाथ बंडकर,दत्तात्रय शामराव कालेल,मेहताब आलम,शाबिर मोहम्मद रजा अली,पोपट रामचंद्र काशिद,सतीश ज्ञानोवा लोकरे और मनोज जगन्नाथ गौतम को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।मसाला वाला,बृहन मुंबई,अन्नपूर्णा और महाराष्ट्र ग्रेन वाला के मालिकों के खिलाफ उप-नियंत्रक ज्ञानेश्वर खिल्लारी(कंट्रोलर कार्यालय),वडाला उप-नियंत्रक मधुकर बोडके के आदेश पर हुई इस कार्यवाई में 44/ई और 33/ई के अधीन आने वाले दुकानदार और संबंधित अधिकारी भी शक के दायरे में आ गए हैं।जिनके सांठगाँठ से यहाँ यह कालाबाजारी का धंधा फल फूल रहा था।इसके पहले अंटाप हिल छेत्र में भाजपा विधायक की सतर्कता से कुछ कालाबाजारिये रंगे हाथ पकडे गए थे।मानखुर्द की कार्यवाई के पीछे फारुख मेवाती की मेहनत सतर्कता रंग लाई की 40 लाख रुपये का सरकारी अनाज कालाबाजारियों के कब्जे से छुड़ाया गया है।सूत्र बताते हैं की चेम्बूर 33/ई और गोवंडी 44/ई के अधीन के दुकानदार आधा से अधिक राशन निजी दुकानों में बेच कर अपनी झोली भरते हैं जिसकी जानकारी आरओ और डीसीआर को रहती है।इस घटना के बारे में अधिक जानकारी देते हुए श्री मेवाती बताया की राज्य के मंत्री गिरिश बापट और कंट्रोलर मैडम को एक पत्र दिया गया है जिसके तहत मांग की गई है की इन कालाबाजारियों के खिलाफ मकोका के तहत कार्यवाई की जाए।साथ ही इनका सरकार लायसेंस रदद कर इन्हें हद पार करे जिससे दुबारा इनका राशनिंग विभाग से हमेशा का रिश्ता ख़त्म हो जाए।मेवाती का यह भी कहना है की राशनिंग दुकानदारों और आरओ ऑफिस में होने वाले लेनदेन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार कडा कदम उठाये जिससे कालाबाजारी पर अंकुश लग सकता है ?