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एक्ज़िम बैंक ने पटियाला, पंजाबमेंफुलकारी उत्पा दों के उत्पानदन में शामिल महिला कारीगरों के लिए डिजाइन विकास कार्यशाला हेतु की मदद

एक्ज़िम बैंक ने”पटियाला हैंडीक्राफ्ट वर्कशॉप कोऑपरेटिव इंडस्ट्री यल सोसायटी लिमिटेड (पीएचडब्लूसीएस)” के साथ मिलकर थूहा, पटियाला के आस पास के गांवों की 30चुनिंदा महिला मास्टवर कारीगरों को सृजनशील तथा आधुनिक फुलकारी डिजाइन आदि के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से एक चार माह की कार्यशाला का आयोजन किया. इस क्षेत्र के लिए इस प्रकार की यह पहली कार्यशाला है जिसका उद्घाटन पंजाब के उद्योग सचिव, श्री एस. आर. लधर तथा एक्ज़िम बैंक के महाप्रबंधक श्री उत्पल गोखले द्वारा किया गया.
पी एचडब्लू सी एस एक गैर-सरकारी संस्थाा है जो पटियाला के एक गांव थूहा की महिलाओं के सशक्तीिकरण के उद्देश्यए से कार्य कर रही है. प्रारम्भस से ही यह संस्थाट आय अर्जन तथा ग्रामीण समुदाय की निर्बल एवं वंचित वर्ग की महिलाओं के कल्या्ण के लिए कार्य कर रही है. पी एस एस एस लगभग 100स्वययं सहायता समूहों के साथ मि‍लकर कार्य कर रही है तथा1000से ज़्यादामहिला कारीगरों को मदद प्रदान कर रही है.
अच्छीश डिजाइन एवं पैकेजिंग के जरिए पी एचडब्यू ् सी एस को घरेलू बाजारों के साथ-साथ विदेशी बाजारों में भी अपनी पहुंच बनाने के उद्देश्यक से बैंक ने पी एच डब्यूी का सी एस के साथ मिलकर थूहा, पटियाला, पंजाब में 30 चुनिंदा महिला मास्टनर कारीगरों के लिए एक 4 माह की कार्यशाला का आयोजन कर रहा है. प्रस्तायवित कार्यशाला में आधुनिक शिल्पर/डिजाइनों का प्रयोग कर उत्पायद तैयार करनेपर ध्यासन दिया जाएगा ताकि उत्पाचदन की गुणवता एवं मात्रात्मपकता दोनों में सुधार किया जा सके.उम्मीरद है कि इस कार्यशाला में प्रशिक्षण के बाद कारीगर घरेलू तथा निर्यात बाजार में गुणवत्तायुक्त् उत्पािदों की डिजाइन करने में सक्षम हो सकेंगें, जिससे इनके आय स्त र में सुधार होगा.
इस अवसर पर एक्ज़िम बैंक के महाप्रबंधक श्री उत्पल गोखले ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्यस निर्यात बाजार के लिए उत्पाज़द गुणवता में सुधार लाना है जिससे कारीगारों को न केवल अच्छीे आय प्राप्ता करने में मदद मिलेगी बल्कि रोजगार अवसर भी बढ़ेंगें. उन्होंोने कहा कि एक्ज़िम बैंक ग्रासरूट स्तंर के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निरन्तिर प्रयासरत है. उन्होंेने यह भी कहा कि कलर कॉम्बी नेशन, पैकेजिंग एवं डिजाइन विकास के जरिए देश की पारंपरिक कलाओं को संजोए रखकर उनके हस्तनशिल्पं निर्यात मूल्यन में महत्विपूर्ण वृद्धि की जा सकती है. इससे नए उत्पािदों के जरिए निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी तथा विदेशी बाजार में अच्छेी मूल्य प्राप्तइ होंगें. हालांकि इस उद्देश्यओ को प्राप्तत करने के लिए समान विचारधारा वाले निजी क्षेत्र तथा सरकारी कंपनियों,सोसायटी, ट्रस्टक तथा क्ल स्टिर को साथ मिलकर काम करने की नितांत आवश्यसकता है.

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