भोपाल। अधिकारी जब ईमानदारी पर उतर आए तो राजनीति भी कुछ नहीं कर पाती और वो जनता की आखों का तारा बन जाता है। आईपीएस सोनिया नारंग इसका जीता जागता उदाहरण है। हालात यह हैं कि जब लोकायुक्त वाई भास्कर राव के बेटे और रिश्तेदारों पर वसूली का आरोप लगा तो ईमादार जांच के लिए नारंग को ही याद किया गया। सब जानते हैं कि नारंग किसी के सामने नहीं झुकने वाली। जो सच होगा, बाहर आ जाएगा। कर्नाटक की जनता सीबीआई की जांच पर सवाल उठा सकती है परंतु सोनिया नारंग की जांच पर नहीं।
कौन हैं सोनिया नारंग
सोनिया नारंग कर्नाटक कैडर में 2002 बैच की आईपीएस हैं। वह पंजाब यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में 1999 की गोल्ड मेडलिस्ट हैं। उनके पिता खुद एक प्रशासनिक अधिकारी हैं। फिलहाल वह कर्नाटक लोकायुक्त की एसपी हैं।
बीजेपी के नेता को जड़ चुकी हैं थप्पड़
सोनिया अपनी 13 साल की नौकरी में कर्नाटक के कई बड़े शहरों में तैनात रहीं। इस दौरान वह जहां भी गईं, अपराधियों को भागने पर मजबूर कर दिया। साल 2006 में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस और बीजेपी के 2 कद्दावर नेता आपस में भिड़ गए थे, तब आईपीएस सोनिया ने बीजेपी के एक नेता रेनुकाचार्य को सरेआम थप्पड़ जड़ दिया था। हालांकि, बाद में यही नेता (रेनुका) मंत्री भी बने थे। उस वक्त सोनिया देवनगिरि जिले की एसपी थीं। उन्हें कई बार सम्मान मिल चुका है।
सीएम ने घसीटा था घोटाले में नाम
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने आईपीएस सोनिया का नाम 16 करोड़ के खदान घोटाले में लिया, तो राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मच गया। सीएम ने विधानसभा में घोटाले से जुड़े अधिकारियों के नाम उजागर किए थे। उनमें एक नाम सोनिया नारंग का भी था। सोनिया ने मुख्यमंत्री के आरोपों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और खुलकर विरोध किया। उन्होंने कहा, “मेरी अंतरात्मा साफ है आप चाहें तो किसी भी तरह की जांच करा लें, मैं इस आरोप का न सिर्फ खंडन करती हूं बल्कि इसका कानूनी तरीके से हर स्तर पर विरोध करूंगी।” सोनिया ने उस वक्त मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से भी दो-दो हाथ करने के लिए कमर कस ली थी।