चण्डीगढ: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अखंड भारत का निर्माण के लिए हमें जात-पात के बंधन से मुक्त होकर केवल मात्र देश के विकास के प्रति सोचना होगा। अखंड भारत का निर्माण करने में देश और प्रदेश के लाखों लोगों ने निस्वार्थ भाव से अपने प्राणों की आहुतियां दी थी और हमारा कर्तव्य बनता है कि शहादत देने वाले ऐसे वीरों के सपनों को साकार करने के लिए संगठित होकर एक अच्छे समाज और राष्ट्र का निर्माण करें।
मुख्यमंत्री कुरूक्षेत्र जिले के गांव मसाना में 25 एकड़ भूमि में बनने वाले पंचनद शहीदी स्मारक का शिलान्यास करने उपरांत बोल रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने किया और इस भूमि पर रूद्राक्ष का पौधा भी लगाया। मुख्यमंत्री के साथ-साथ पंचनद स्मारक ट्रस्ट के प्रदेशाध्यक्ष एवं थानेसर विधायक सुभाष सुधा, स्वामी डा. दिव्यानंद भिक्षु महाराज, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, श्रीमज्ज जगत गुरू रामानंदाचार्य श्रीस्वामी हंसदेवाचार्य महाराज, परम तेजस्वी चिदानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव आदि ने भी पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लिया और सभी से अपील की कि भारत पाक विभाजन के समय शहीद हुए 10 लाख लोगों की याद में 10 लाख पौधे लगाने का संकल्प भी करें।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंचनद स्मारक ट्रस्ट के कार्यक्रम में पहुंचे हजारों लोगों को देखकर गदगद होते हुए कहा कि यह अवसर कभी-कभार ही देखने को मिलते हैं, जहां महान संतों के साथ-साथ भारत-पाक के समय शहीद हुए लोगों के परिजन कार्यक्रम में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि 14 अगस्त 1947 को भारत-पाकिस्तान के विभाजन की नींव रखी गई। लाखों लोगों ने अपने प्राण त्याग दिए, परंतु धर्म छोडऩा स्वीकार नहीं किया। इससे स्पष्ट होता है कि लाखों करोड़ों लोगों को भारत की पावन धरा से कितना प्यार था। आज भी समाज के लोग संघर्ष के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इस समाज के लोग साधुवाद के साथ इस मुकाम पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष का इतिहास बहुत पुराना है। इतिहास की हर घटना प्रेरणा देने वाली है। मुगलों के अत्याचार से बचने के लिए जिस शक्तिभाव और वीर रस से लोगों ने अपनी बलिदानी दी, उसे हमेशा याद रखा जाएगा। गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने साथ अपने चारों पुत्रों व पिता को देश पर वार दिया। इतना ही नहीं, शहीद भगत सिंह, शहीद मदन लाल ढींगड़ा जैसे देशभक्तों ने शहादत देकर देश को आजाद करवाने में अपनी भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाजन के बाद मिली आजादी भी अभी अधूरी है। विभाजन के समय ऐसा लगा जैसे माँ की दोनो बाजुएं काट दी गई हों। आज भी समाज के लोग शहादत देने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने पंचनद स्मारक ट्रस्ट से अपील की कि इस पावन भूमि पर भारत माता का मंदिर भी बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज को स्वाभिमान के साथ खड़ा करने के लिए पंचनद जैसी संस्थाओं को आगे आना होगा। समाज में खुशहाली लाने के लिए रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान देना होगा। इसके लिए संस्थाओं और सरकार को साथ मिलकर काम करना होगा। इतना ही नहीं, सबको जात-पात के बंधन से मुक्त होना होगा और हरियाणा एक-हरियाणवी एक की सोच के साथ काम करना होगा।
महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव ने कहा कि 1947 के बटवारे के समय हिंदुस्तानी बने रहने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान देने के लिए शहीद पित्रों के वारिसों द्वारा उनके बलिदान को युगों-युगों तक सम्मान दिलाने के उद्देश्य से ही गांव मसाना में एक शहीदी स्मारक बनाया जा रहा है। संस्था का प्रयास है कि यहां पर 100 एकड़ जमीन में इस स्मारक को बनाया जाए, जिसमें इससे जुड़े तमाम प्रोजेक्ट लगाए जा सकें। इस प्रोजेक्ट पर पहले 4 सालों तक एक हजार करोड़ रुपए और 10 सालों तक 10 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। विश्व की सबसे बड़ी लाईब्रेरी और संग्रहालय के साथ-साथ कई संस्थाएं स्थापित की जाएंगी।
थानेसर विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस संस्था के सदस्य बन चुके हैं और उन्होंने अपनी तीन एकड़ पैतृक भूमि में से एक एकड़ भूमि संस्था को दान में दी है और उन्होंने 11 करोड़ रुपए राशि एकत्रित करवाकर संस्था को देने की घोषणा की हुई है। पंचनद संस्था मुख्यमंत्री मनोहर लाल की हमेशा आभारी रहेगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं और सभी कार्यकर्ताओं की कमेटियां बनाकर डयूटियां लगा दी गई हैं। इसके अलावा स्वामी डा. दिव्यानंद भिक्षु महाराज, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, श्रीमज्ज जगत गुरू रामानंदाचार्य श्रीस्वामी हंसदेवाचार्य महाराज, परम तेजस्वी चिदानंद सरस्वती, अनामिका, महाभारत सीरियल के द्रोणाचार्य सुरेंद्र पाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर सांसद राजकुमार सैनी, विधायक घनश्याम अरोड़ा, डा. पवन सैनी, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सलाहरकार जगदीश चोपड़ा, सहारनपुर उत्तर प्रदेश के विधायक राजीव गुम्बर, दिल्ली से पूर्व मंत्री जगदीश मुखी, उत्तराखंड से पूर्व मंत्री तिलकराज, ट्रस्ट के महासचिव राजीव घई, मीडिया प्रभारी विनीत नरूला, नगरपरिषद की अध्यक्षा उमा सुधा, रविंद्र सांगवान, मुकुंद लाल सुधा, रमेश सुधा, पंचनद संस्था के पदाधिकारी आशीष सभ्रवाल, विशाल शर्मा, दरबारा सिंह, जगमोहन क्वात्रा, प्रवीण ढींगड़ा, धर्मवीर मिर्जापुर,प्रदीप झाम्ब, सुरेंद्र छिंदा, बिट्टु नय्यर, पवन चौधरी, सुभाष बठला, अमृतलाल बठला, राजेश मझाड़ा, दीनानाथ बत्रा, अशोक ऋषि, दीपक चुग, जयपाल उमरी, अजय, रवी बतान आदि मौजूद थे।